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महिलाओं का स्वास्थ्य केवल एक सामाजिक संकेतक (सोशल इंडिकेटर ) नहीं बल्कि देश के आर्थिक विकास का भी दर्पण है. झारखंड सरकार मंईयां सम्मान योजना, सर्वजन पेंशन योजना जैसे योजनाओं के माध्यम से महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में ठोस कदम उठा रही है. इन योजनाओं को सखी मण्डल के माध्यम से जमीनी स्तर तक पहुँचाया जा रहा है. हेल्थ, पोषण के साथ-साथ अब मेंटल वेल-बीइंग पर भी फोकस करना समय की ज़रूरत है.

यह बातें ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कही. वह संगठन, स्वास्थ्य, समृद्धि, खाद्य, पोषण, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पर महिला समूहों की सहभागिता विषय पर आयोजित दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला को संबोधित कर रही थीं. यह कार्यशाला भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय एवं झारखण्ड स्टेट लाईवलीहुड सोसाईटी (JSLPS) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई. इस मौके पर उत्कृष्ट कार्य कर रही सेतु दीदियों को मोमेंटो और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया.

इस मौके पर उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ नागरिक ही शिक्षित,सशक्त और आत्मनिर्भर समाज की नींव रख सकता है. सेतु दीदियाँ और सखी मंडल की महिलाएँ अब न केवल स्वयं जागरूक हो रही हैं बल्कि अपने समुदाय को भी संगठित और सशक्त कर रही हैं. यह परिवर्तन अब गाँव.गाँव तक पहुँच रहा है और यही झारखंड की वास्तविक ताक़त है.

हर गांव स्वस्थ, हर महिला सक्षम, हर घर समृद्ध

दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य,पोषण,स्वच्छता ये सभी विषय आपस में गहराई से जुड़े हुए हैं और इन पर प्रभावशाली कार्य तभी संभव है इनसे से जुड़े संबंधित विभाग आपस में समन्वय बना कर काम करें. झारखंड में महिला स्वयं सहायता समूहों की भूमिका से स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता, ऊर्जा और आजीविका के क्षेत्र में नया परिवर्तन दिख रहा है. मंईयां सम्मान योजना, मनरेगा, दीदी बाड़ी,अबुआ आवास, बिरसा हरित ग्राम, पोषण वाटिका जैसी योजनाएं नारी नेतृत्व को सशक्त बना रही हैं. अब महिलाएं ग्राम विकास की धुरी हैं. उनका पोषण और स्वास्थ्य बेहतर होगा तभी समाज सशक्त होगा. हमारा संकल्प है हर गांव स्वस्थ, हर महिला सक्षम, हर घर समृद्ध.

महिलाएं हो रही हैं सशक्त

इस मौके पर मौजूद ग्रामीण विकास सचिव के. श्रीनिवासन ने कहा कि महिलाओं का सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण ही स्वस्थ समृद्ध और विकसित समाज की नींव है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा मंईयां सम्मान योजना, पीवीटीजी परिवारों तक राशन पहुँचाने के उद्देश्य से संचालित डाकिया योजना, फूलो-झानो आशीर्वाद योजना के माध्यम से महिलायें आर्थिक एवं सामाजिक रूप से समृद्ध हो रही हैं. फूलो-झानो आशीर्वाद योजना के तहत अब तक 36000 महिलाओं को ब्याज मुक्त ऋण के माध्यम से लाभान्वित किया गया है.

उन्होंने कहा कि जोहार परियोजना का दूसरा चरण जल्द ही प्रारंभ किया जाएगा, जिस पर कार्य प्रगति पर है. उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला केवल चर्चा का मंच नहीं बल्कि एक प्रेरणादायक कार्य योजना का प्रारूप है जिसे हम धरातल पर लागू करने का प्रयास करेंगे. छोटे-छोटे प्रयास ही बड़े सामाजिक बदलावों की नींव रखते हैं.

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