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झारखंड के बोकारो जिले में पिछले महीने भाकपा माओवादी संगठन का शीर्ष नक्सली व एक करोड़ इनामी प्रयाग मांझी समेत 8 नक्सलियों के मारे जाने के बाद से ही झारखंड पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के हौसले बुलंद हैं. झारखंड पुलिस अब अलग- अलग नक्सली संगठनों के इनामी नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में जुट गई है.

इन संगठनों में भाकपा (माओवादी) के अलावा टीएसपीसी, टीपीसी और जेजेएमपी जैसे उग्रवादी संगठन शामिल हैं. इन संगठनों के वांछित कमांडरों की चल-अचल संपत्तियों की सूची बनाकर उसे जब्त करने की रणनीति को अमलीजामा पहनाने की तैयारी हो रही है. इस संबंध में हाल ही में पलामू में उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिसमें झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ के वरीय अधिकारी मौजूद थे.

इन नक्सलियों पर है पुलिस की नजर

भाकपा माओवादी संगठन का रीजनल कमांडर व 15 लाख रुपए इनामी नितेश यादव उर्फ इरफान,  10 लाख का इनामी रविंद्र गंझू, कमांडर मनोहर गंझू, कमांडर संजय यादव उर्फ संजय गोदराम, कमांडर मृत्युंजय भुईयां, 5 लाख इनामी मनीष यादव, टीएसपीसी का शीर्ष कमांडर शशिकांत गंझू, जेजेएमपी का पप्पू लोहरा, शिव सिंह उर्फ कईल, पंकज कोरवा, 5 लाख इनामी सुखदेव यादव, रविंद्र यादव, और टीएसपीसी का प्रभात गंझू शामिल है. इसके पहले झारखंड पुलिस कुख्यात नक्सली कुंदन यादव और अभिजीत यादव की संपत्तियां पहले ही जब्त की जा चुकी हैं.

क्या कहना है पुलिस अधिकारियों का

पलामू रेंज के आईजी सुनील भास्कर ने कहा है कि अब कार्रवाई केवल नक्सलियों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि उनके परिजनों और रिश्तेदारों की संपत्तियों की भी जांच और जब्ती की जाएगी. UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) के अलग-अलग धाराओं के तहत यह कार्रवाई होगी. इस कार्रवाई का उद्देश्य नक्सलियों के आर्थिक तंत्र को तोड़ना है. पुलिस की नजर उग्रवादियों के जमीन, घर,  मकान, वाहन और बैंक खातों पर है. इनकी जब्ती से नक्सली संगठनों की फंडिंग पर सीधा असर पड़ने की उम्मीद है.

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