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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के भारत और पाकिस्तान के बीच सीज़फ़ायर पर बयान देने को लेकर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है तो वहीं लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में नेता विपक्ष सह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र अविलंब बुलाने की मांग की है. सीज़फ़ायर के मुद्दे पर रविवार को कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेंस भी की. राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री व कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में सेना के पराक्रम और शौर्य को सलाम करते हुए उसे दुनिया की सर्वोत्तम सेनाओं में से एक बताया.
प्रेस कांफ्रेंस में सचिन पायलट ने क्या कहा
सचिन पायलट ने कांग्रेस के आधिकारिक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पिछले 24 घंटों में घटनाक्रम बहुत तेज़ी से बदला है और अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा सीज़फ़ायर की घोषणा किया जाना हैरान करने वाला है. उन्होंने कहा, “हम सबको बड़ा आश्चर्य हुआ जब सीज़फ़ायर की घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की. शायद यह पहली बार है कि इस प्रकार की घोषणा सोशल मीडिया के माध्यम से किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने की हो.”
सचिन पायलट ने ट्रंप के सोशल मीडिया पोस्ट पर ज़ोर देते हुए कहा कि ‘इसमें जो बातें कही गई हैं, वो भारत और पाकिस्तान के मसले को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाना और उसका अंतरराष्ट्रीयकरण करना बेहद आश्चर्यजनक है’ इसी के साथ उन्होंने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि 1994 में तत्कालीन पी.वी नरसिंह राव के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने सर्वसम्मति से PoK को वापस लेने का प्रस्ताव पारित कराया था. अब समय आ गया है कि हमें 1994 के प्रस्ताव को दोहराना चाहिए.
राहुल गांधी ने पीएम को लिखा पत्र
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की अपील की है. शनिवार शाम भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष रोकने को लेकर सहमति बनने के बाद राहुल गांधी ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा. इस पत्र में उन्होंने लिखा, “मैं विपक्ष की सर्वसम्मति से, एक बार फिर अपील करता हूं कि संसद का विशेष सत्र तुरंत बुलाया जाए.”
संसद में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने लिखा, “पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और सीज़फ़ायर पर चर्चा करना लोगों और उनके प्रतिनिधियों के लिए बहुत ज़रूरी है, जिसकी घोषणा सबसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की थी. यह हमारे सामने आने वाली चुनौतियों का मिलकर सामना करने के हमारे संकल्प को दिखाने का एक मौक़ा भी होगा.” राहुल गांधी ने पीएम मोदी से पत्र में कहा कि मुझे विश्वास है कि आप इस मांग पर गंभीरता से विचार करेंगे और जल्द इस पर पहल करेंगे.
कांग्रेस ने उठाए सवाल
कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने सीजफायर को लेकर सवालों की झड़ी लगा दी है. उन्होंने कहा, “अमेरिका का दो दिन पहले कहना, it is none of our business… उसके बाद Secretary of State, उप-राष्ट्रपति और राष्ट्रपति सबसे पहले घोषणा करते हैं कि सीजफायर हो रहा है, उसके बाद पाकिस्तान और भारत भी सीजफायर का ऐलान करते हैं.”
ऐसे में यह जो मध्यस्थता हुई है, क्या इसे भारत सरकार ने स्वीकार किया है? अमेरिका ने किन शर्तों पर इस प्रकार की घोषणा की है, यह बहुत बड़ा सवाल है. इसमें कश्मीर का जिक्र भी किया गया है. डिप्लोमेसी का अपना एक रोल है, लेकिन अगर इस प्रकार वॉशिंगटन से सीजफायर की घोषणा होती है, तो कई सवाल खड़े होते हैं. भारत सरकार को एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और जो पिछली दो मीटिंग में नहीं हुआ, उस पर बात करनी चाहिए. प्रधानमंत्री जी को इस सर्वदलीय बैठक में आना चाहिए और पूरे देश और दलों को विश्वास में लेना चाहिए, क्योंकि सभी दलों ने अपनी विचारधारा को परे रखते हुए भारत सरकार को संपूर्ण समर्थन दिया था.