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वैशाख पूर्णिमा या का एक विशेष महत्व होता है.  हिदू धर्म  में पूर्णिमा की शुरुआत सुबह होने के बाद होती है. इसलिए बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान आज सुबह से शुरू किया जाता है. सनातन धर्म में गंगा स्नान का काफी महत्व है.  गौतम बुद्ध का जन्म और उन्हें ज्ञान की प्राप्ति इसी दिन हुई  थी, बौद्ध धर्म में बुद्ध पूर्णिमा का बेहद खास मानी जाती है. वैशाख महीने को धर्म मास माना जाता  है. क्यों की इस महीने में लोग कई धर्म कार्य  करते है. सनातन को मानने वाले लोग शिवालाय में शिवलिंग के ऊपर घड़े में पानी डालकर उसके द्वारा उन पर 24 घंटे शीतल जल का प्रवाह करते हैं. इसी  महीने में  अपने पितरों के समाधि स्थल पर घड़े के द्वारा सलोग पूरे महीने जल चढाते  हैं. घर के तुलसी के पौधों  में पूरे महीने घड़े से पानी चढ़ाया  जाता है.  जगह-जगह पियाऊ लगा कर लोगो को  पानी पिलाया जाता है.  सुबह सूर्योदय से पहले  स्नान कर देवी देवताओं की पूजा की जाती है.वैशाखी पूर्णिमा के दिन ही भगवान नारायण का कूर्म (कछुआ ) अवतार हुआ  था.  गंगा में  स्नान कर पूजा,  दान कर एक महीने तक के कर्म का समापन करना होता है. बुद्ध पूर्णिमा का बौद्ध धर्म में इसलिए सबसे ज्यादा महत्व है क्योंकि इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्म और उन्हें बोधगया के बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्ति हुई थी. और  भगवान बुद्ध ने अपना शरीर त्यागा था. पूरे विश्व में बुद्ध के अनुयायी बुद्ध पूर्णिमा को बहुत ही धूम धाम से मनाते है. 


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