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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिवंगत दिशोम गुरु शिबू सोरेन का दशकर्म और श्राद्ध कर्म उनके पैतृक गांव नेमरा में संपन्न होगा. मंगलवार को अंतिम विदाई दिए जाने के बाद बुधवार से नेमरा में संताली रीति-रिवाज से दिशाेम गुरु का श्राद्ध कर्म शुरू हो गया. बुधवार को हेमंत सोरेन ने परिवार और गांव के लोगों के साथ घर से कुछ दूर पेड़ के समीप अपने पिता को सखुआ के पत्ते में दातुन, चावल, बर्तन में पानी व चाय अर्पित किया. 

बुधवार को ही संताली रीति के अनुसार, गांव की परामर्श समिति की बैठक हुई, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने गांव वासियों के साथ अंत्येष्टि कार्यक्रम के उपरांत होने वाले अनुष्ठान को लेकर ग्रामीणों से विस्तृत चर्चा की.

इस मौके पर गांव वासियों ने तीन नहान, दस कर्म और श्राद्ध कर्म को लेकर मुख्यमंत्री के साथ कई स्थानीय परंपरा से संबंधित अनुभवों को साझा किया एवं सुझाव दिए. जिसमें आज सात अगस्त को होने वाले तीन नहाय कार्यक्रम के अलावा 15 अगस्त को दसवीं और 16 अगस्त को 11वीं का कर्म पूरा करने पर सहमति बनी. 

इस मौके पर मां रूपी सोरेन, भाई बसंत सोरेन, मुखिया जीतलाल टुडू समेत कई अन्य ग्रामीण उपस्थित थे. ग्रामीणों ने गुरूजी के अनुभवों को साझा करते हुए उन्हें यादकर अपनी संवेदना जताई और दिवंगत आत्मा की शांति और शोकाकुल परिजनों को दुःख की इस घड़ी में शक्ति प्रदान करने की कामना ईश्वर से की.

ग्रामीणों के संग बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने अपने आवास के आसपास के क्षेत्रों का भ्रमण कर आगामी दिनों में होने वाले कार्यक्रमों की तैयारियों का जायजा लिया. इस दौरान मौके पर मौजूद रामगढ़ के डीसी फैज अक अहमद मुमताज और डीडीसी आशीष अग्रवाल व एसपी अजय कुमार भी मौजूद थे. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को पार्किंग व अन्य व्यवस्थाओं को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए.

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