पुष्प रंजन
“पूत सपूत तो क्यों धन संचय, पूत कपूत तो क्यों धन संचय” इस कहावत का निहितार्थ यह है, कि अगर बेटा योग्य और समझदार है, तो धन संचय करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वह अपनी मेहनत से सफल हो जाएगा। लेकिन, अगर बेटा अयोग्य और गलत रास्ते पर है, तो धन संचय करने का कोई फायदा नहीं है, क्योंकि वह उसे बर्बाद कर देगा। अंततः लालू प्रसाद यादव को अपने ‘पूत’ तेजप्रताप यादव से रिश्ता तोड़ना पड़ा। परिवार और पार्टी पर यह बौड़म भारी पड़ रहा था। ऐश्वर्या राय के साथ तेजप्रताप के तनावपूर्ण विवाह ने परिवार को डिस्टर्ब रखा था। यह मामला कोर्ट में है। पटना से तीन माह पहले खबर आई थी कि तेजप्रताप से सेटलमेंट के लिए ऐश्वर्या ने मांगे थे 36 करोड़। लालू प्रसाद के अज़ीज लोग बताते हैं, कि तेजप्रताप उर्फ़ तेजुआ लालूजी के काबू भी नहीं आता था।
लालू ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “तेज प्रताप अपने निजी जीवन का भला-बुरा और गुण-दोष देखने में वह स्वयं सक्षम है। उससे जो भी लोग संबंध रखेंगे वो स्वविवेक से निर्णय लें।” लालू ने लिखा कि निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमजोर करता है। ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण तथा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है, अतएव उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूं। आगे लिखते हैं, “अब से पार्टी और परिवार में उसकी किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी। उसे पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है। अपने निजी जीवन का भला-बुरा और गुण-दोष देखने में वह स्वयं सक्षम है। उससे जो भी लोग संबंध रखेंगे वो स्वविवेक से निर्णय लें। लोकजीवन में लोकलाज का सदैव हिमायती रहा हूं। परिवार के आज्ञाकारी सदस्यों ने सावर्जनिक जीवन में इसी विचार को अंगीकार कर अनुसरण किया है. धन्यवाद।”
एक थ्योरी यह है कि तेज प्रताप यादव और उनकी ‘गर्लफ्रेंड’ अनुष्का यादव से जुड़े मामले को लेकर लालू यादव ने यह कार्रवाई की है। शनिवार 24 मई को तेज प्रताप यादव के फेसबुक अकाउंट से एक तस्वीर शेयर की गई थी। तस्वीर में तेज प्रताप यादव एक लड़की के साथ दिख रहे थे। लड़की का नाम अनुष्का यादव बताया गया था। पोस्ट में लिखा गया था कि तेज प्रताप यादव अनुष्का यादव संग 12 साल से रिलेशनशिप में हैं। बाद में पोस्ट को हटा दिया गया। कुछ घंटे बाद तेज प्रताप ने ट्वीट कर कहा कि उनका अकाउंट हैक कर लिया गया था। तेजस्वी यादव भी तेज प्रताप को पार्टी से किनारा ही रखना चाह रहे थे। कई बार ऐसे मामले हुए जब तेजस्वी की मर्जी के बिना ही तेज प्रताप ने फ़ैसले लिए। तेज प्रताप ने पार्टी के कायदे कानून से अलग एक शख्स आकाश यादव को राजद से जोड़ा, और अहम ज़िम्मेदारी दी। जगदानंद सिंह और तेजस्वी इसके खिलाफ थे, कुछ दिन बाद ही आकाश को पार्टी से ही हटा दिया गया था। यह आकाश यादव कोई और नहीं अनुष्का यादव के भाई बताये जाते हैं। इन्हीं की वजह से तेज प्रताप और अनुष्का की नज़दीकियां बढ़ीं, जो कि लालू-तेजस्वी को अखरने लगी थी।
दूसरा आकलन यह है, कि चुनाव के समय तेज प्रताप का दुरुपयोग सत्ता पक्ष करना चाह रहा था. इससे पहले कोई बड़ा खेल हो लालू प्रसाद ने नाभि-नाल का सम्बन्ध ही काट दिया। कभी “मोदी की खाल उतरवा देंगे” बोलने वाला तेज प्रताप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भक्त हो चुका था। ऑपरेशन सिन्दूर से पहले तेज प्रताप यादव ने पीएम मोदी की प्रशंसा की थी, और युद्ध में जाने की अनुमति मांगते हुए देश सेवा की इच्छा जताई है। यह लालू प्रसाद के लिए वेकअप कॉल जैसा था। अचानक हुई इस कार्रवाई से जेडीयू के हाथ से तोते उड़ते दिख रहे हैं। जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने तंज कसते हुए कहा, ‘लालू जी गुमराह कर रहे हैं। जब ऐश्वर्या के साथ महापाप हुआ, तब उनकी चेतना क्यों नहीं जागी?’
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। देश-विदेश के कई मीडिया हाउस में संपादक जैसे पदों पर रहे। )
(यह लेखक के निजी विचार हैं। जीटी रोड लाइव का सहमत होना ज़रूरी नहीं। हम असहमति के साहस और सहमति के विवेक का सम्मान करते हैं।)