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राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दावा किया है कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बीते 21 जुलाई 2025 को अपना पद छोड़ने के बाद से सार्वजनिक जीवन से पूरी तरह गायब हैं. इस्तीफे के बाद से न उन्होंने कोई बयान दिया, न सोशल मीडिया पर कुछ लिखा और न ही किसी नेता का फोन उठाया. अपने यूट्यूब चैनल पर प्रसारित एक वीडियो में उन्होंने बताया कि शुरुआती दिनों में उनके पीए ने फोन उठाकर कहा कि धनखड़ आराम कर रहे हैं. इसके बाद न कोई कॉल रिसीव हुई, न ही कोई संदेश मिला. कई अन्य विपक्षी नेताओं ने भी यही अनुभव साझा किया.

गृह मंत्री अमित शाह से की यह मांग

कपिल सिब्बल ने पूर्व उप राष्ट्रपति को लेकर गृह मंत्री अमित शाह से संसद या सार्वजनिक मंच पर स्पष्ट जवाब देने की मांग की है. उन्होंने कहा, “लापता लेडीज फिल्म तो सुनी थी, पर लापता उपराष्ट्रपति पहली बार देख रहा हूं.” उनका आरोप है कि गृह मंत्रालय को उनकी लोकेशन का पता है और यह जानकारी जनता के सामने आनी चाहिए.

सिब्बल ने यहां तक कहा कि क्या विपक्ष को उनके लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करनी पड़ेगी? उन्होंने सवाल उठाया कि क्या धनखड़ इलाज करा रहे हैं या विदेश में हैं, क्योंकि परिवार की ओर से भी कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई.

बंदी प्रत्यक्षीकरण क्या है?

बंदी प्रत्यक्षीकरण एक संवैधानिक और कानूनी अधिकार है, जो अवैध हिरासत के खिलाफ सुरक्षा देता है. इसका मतलब है कि हिरासत में लिए गए व्यक्ति को अदालत में पेश किया जाए और उसकी गिरफ्तारी की वैधता सिद्ध की जाए. संविधानिक प्रावधान के अंतर्गत अनुच्छेद 32 और 226 के तहत उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय यह आदेश जारी कर सकते हैं. 

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