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झारखंड जहाँ खेल और खिलाड़ियों के लिए उर्वर धरती है, वहीं घपले-घोटाले और यौनाचार की शिकायतों के लिए भी इसकी पहचान होने लगी है। टटका मामला पलामू प्रमंडल के गढ़वा ज़िले से उजागर हुआ है। जिसमें सीधे-सीधे जिला खेल पदाधिकारी (DSO) SDO ही जांच में दोषी पाए गए हैं। खबर है कि उन्होंने गढ़वा फुटबॉल स्टेडियम में कार्यरत एक महिला सफाईकर्मी से बदसलूकी की है। ऐसी बदसलूकी जिससे यौनाचार की भी बू आती है। वो महिला कर्मी को उनका आवास हो या किसी भी जगह पर अकेले आने का दबाव बनाते। बात-बात पर गन्दी गालियाँ देते। पीड़िता के साथ मारपीट से भी उन्हें परहेज़ नहीं रहता था। जब महिला उनकी बातों से इनकार करती रही तो उसे उन्होंने नौकरी से हटाने की धमकी भी दे डाली। डरा-धमकाकर इसके एवज़ में 10 हजार रुपए तक ऐंठ लिए गए। डे बोर्डिंग प्रशिक्षकों की बहाली के नाम पर भी कई “एप्लीकेंट्स” से भयादोहन करने का राज़ उजागर हुआ है।
DC से की थी पीड़िता ने लिखित शिकायत
खेल अधिकारी दिलीप कुमार की स्याह कहानी तब उजागर हुई जब पीड़िता ने18 फरवरी को उपायुक्त (DC) गढ़वा के पास लिखित शिकायत दर्ज कराई। जिसकी प्रतिलिपि मुख्यमंत्री, खेल मंत्री, खेल सचिव व खेल निदेशक को भी भेजी गई थी। इसके बाद DC ने सदर अनुमंडल पदाधिकारी (SDO) के नेतृत्व में एक जांच कमेटी गठित की थी। कमेटी ने जांच के दौरान DSO पर लगे सभी आरोप सही पाए।
विभाग पहुंची जांच रिपोर्ट, DSO की बढ़ी मुश्किलें
जांच रिपोर्ट गढ़वा उपायुक्त (DC) को सौंप दी गयी। उन्होंने इसे कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के सचिव को भेज दिया है। ये तय हो गया है कि DSO दिलीप कुमार की मुश्किलें बढ़ेंगी। रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई करने के लिए विभाग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। अप्रैल के पहले सप्ताह से इसके पेंच खुलने शुरू हो जायेंगे।
पहले भी ये DSO कर चुके हैं महिलाओं को तंग
DSO दिलीप कुमार यह पहली बार घेरे में नहीं आये हैं। इनपर इससे पहले भी महिला कर्मचारियों को तंग करने का आरोप लगा है। खबर है कि इनकी जहाँ-जहाँ पोस्टिंग रही, उनकी महिला विरोधी हरकतें निर्बाध जारी रहीं। साहेबगंज में एक महिलाकर्मी से इनके रिश्ते लोग चटखारे ले-लेकर करते हुए मिल जायेंगे। उस महिला के पति ने परेशान होकर DC से शिकायत भी की थी। DC ने DSO को चेताया भी, लेकिन शिकायत मौखिक ही थी, लिखित रही होती तो रंगीले साहब के खिलाफ एक्शन हो गया होता। साहेबगंज के बाद साहब धनबाद पहुंचे। यहाँ उन्होंने खेल कार्यालय की एक महिला कर्मी पर डोरे डालने शुरू किये। जब रंग जमा नहीं तो उसके साथ गाली-गलौच करने लगे , मारपीट की धमकी से बाज़ नहीं आए। देर रात तक ऑफिस में रुकने का दबाव बनाने समेत कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। इस महिला ने 12 जून 2024 को DSO दिलीप कुमार के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई थी।
अब जानते हैं जाँच से जुड़े अधिकारियों ने क्या कहा
हर बार साहब बचते रहे, लेकिन गढ़वा में दाल गलती हुई नहीं दिख रही है। चलिए पहले जान लेते हैं कि अधिकारियों ने क्या कहा है। Sports Jharkhand से SDO सह जांच समिति के अध्यक्ष संजय पांडेय ने बताया कि जांच समिति ने ससमय अपनी रिपोर्ट उपायुक्त महोदय को सौंप दी है, इससे ज्यादा कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं हूं। इधर, DC गढ़वा शेखर जमुआर ने साफ़-साफ़ बताया कि जांच के दौरान महिलाकर्मी द्वारा लगाए गए आरोपों की पुष्टि हो गयी है। विभाग को आगे की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट और चार्जशीट भेज दी गई है। विभागीय सचिव मनोज कुमार ने भी स्वीकार किया है कि DSO के खिलाफ गढ़वा DC की रिपोर्ट और आरोप पत्र उन्हें मिल चुका है। इसे विभागीय कार्यवाही के लिए कार्मिक विभाग नियुक्त जांच अधिकारी को अप्रैल के पहले सप्ताह में संभवत: भेज देगा।
अब आया ऊँट पहाड़ के नीचे, सरकार के एक्शन का इंतज़ार
यदि विभागीय सुनवाई के दौरान आरोपित अधिकारी दोषमुक्त निकले तो उनकी बल्ले-बल्ले! हालाँकि अब तक की जाँच में उन्हें दोषी पाया गया है। और विभागीय सुनवाई में भी दोषी निकले तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। सजाओं का भी प्रावधान है। दोषी अफ़सर की वेतन वृद्धि रुक जायेगी। प्रमोशन रुक जाएगा। सैलरी भी बतौर दंड काटी जा सकती है। निलंबन की भी आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। यदि सबसे गंभीर सजा हुई तो दोषी अधिकारी बर्खास्त होने के साथ भविष्य में सरकारी नौकरी के लिए अयोग्य भी घोषित कर दिया जा सकता है।
(इनपुट Sports Jharkhand से साभार )