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झारखंड की 10 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में गुजरात के भरूच जिले में अंकलेश्वर सत्र न्यायालय ने आरोपी विजय पासवान को अपहरण, दुष्कर्म और हत्या मामले दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है और पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजे का आदेश दिया. इस मामले में न्यायालय ने केवल 100 दिनों में ही सुनवाई पूरी करते हुए अपना फैसला सुनाया. भारतीय न्याय संहिता के तहत गुजरात में फांसी की सजा का पहला फैसला भी है. दोषी पलामू निवासी विजय पासवान भरूच में पीड़िता के पड़ोस में ही रहता था और वह पीड़िता के पिता के साथ एक ही फैक्ट्री में काम करता था. दोनों परिवारों की 10 वर्षों से जान-पहचान थी.
16 दिसंबर को हुई थी घटना
घटना को लेकर बताया जा रहा है कि बीते साल 16 दिसंबर को जब बच्ची अपने घर के पास खेल रही थी तो दोषी विजय पासवान ने बच्ची को जबरन अपने साथ ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया और लोहे के रॉड से उसके शरीर पर कई वार किए, इससे उसे गंभीर आंतरिक चोटें आई थी. नाजुक स्थिति में उसे वड़ोदरा के एसएसजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के 8वें दिन बच्ची ने दम तोड़ दिया था. 23 दिसंबर को इलाज के दौरान 3 घंटे में पीड़िता को दो बार कार्डियक अरेस्ट हुआ, जिससे उसकी मौत हो गई. पीड़ित बच्ची ने अपने बयान में कहा था कि पड़ोस में रहने वाले विजय ने पहले उसे पत्थर मारा, चाकू मारा, फिर गलत काम किया.
मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने फैसले पर क्या कहा
अदालत के फैसले पर ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे सिंह को दोषी को दी गई फांसी की सजा पर कहा, यह सिर्फ एक अदालती फ़ैसला नहीं, एक मासूम आत्मा को हमारी ओर से सच्ची श्रद्धांजलि है. अदालत ने इस मामले को रेयर ऑफ रेयरेस्ट मानते हुए दरिंदे को फांसी की सज़ा और पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजे का आदेश दिया. बेटी अब लौट नहीं सकती, लेकिन आज उसकी आत्मा को न्याय मिला है. यह अंत नहीं, बल्कि उस संघर्ष की शुरुआत है जहां हर बेटी सुरक्षित, सशक्त और सम्मानित जीवन जी सके.
सीएम हेमंत सोरेन ने मामले का लिया था संज्ञान
मासूम बच्ची के साथ हुई दरिंदगी की इस घटना के सामने आने के बाद CM हेमंत सोरेन ने मामले का संज्ञान लेते हुए तत्काल ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह को गुजरात भेजा था . इस दौरान मंत्री ने पीड़ित बच्ची और उसके परिवार से मुलाकात की थी. झारखंड सरकार ने लड़की के परिवार को चार लाख रुपए की सहायता राशि भी दी थी. मुलाकात के दौरान पीड़ित के पिता ने बताया था कि दुष्कर्म करने वाले से 10 वर्षों से जान पहचान थी. दोनों गुजरात में एक ही जगह में एक साथ काम करते थे. घटना के छह माह पहले ही उसकी पत्नी और बेटी गांव से गुजरात आए थे. यहां आने के बाद पत्नी भी मजदूरी करने लगी थी. घटना के दिन घर पर बेटी अकेले थी.