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सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव और अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव कॉम अतुल कुमार अनजान के प्रथम पुण्यतिथि पर सीपीआई राज्य कार्यालय के सभागार में उन्हें याद किया गया तथा उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. इस मौके पर राज्य कार्यकारणी के सदस्य सह जिला मंत्री अजय कुमार सिंह ने कहा कि कॉम अतुल सीपीआई के बौद्धिक संपदा थे, जिसकी भरपाई अगले कई दशक तक नहीं हो सकती. कॉम अतुल कुमार अनजान सीपीआई के बौद्धिक स्तंभ थे. वह निर्भीक और बेबाक टिप्पणी करने वाले नेता थे. संघर्ष उन्हें विरासत में मिली थी.

उनके पिताजी डॉ. ए पी सिंह अपने समय के विख्यात स्वतंत्रता सेनानी थे. हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के कई आंदोलनों में बढ़ चढ़ कर भाग लिया. इसके कारण कई वर्षों तक वह जेल में भी रहे. महज 20 साल की उम्र में नेशनल कॉलेज के प्रेसिडेंट और 60 के दशक में सीपीआई के मेंबर बने.

ए.आई.एस.एफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान में राष्ट्रीय सचिव एवम अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव के रूप में कई आंदोलनों में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई. खासकर उत्तर प्रदेश में प्रसिद्ध पुलिस पीएसी रिवॉल्ट एक्ट में लगभग 5 वर्ष तक जेल में रहे. इसके अलावा स्वामीनाथन कमीशन में किसानों के उत्थान के लिए कई सुझाव भी दिए, जिसमें किसानों को मासिक पेंशन, एमएसपी की गारंटी, बिना ब्याज के किसानों को ऋण आदि प्रमुख थे.

झारखंड से था विशेष लगाव

कॉम अतुल कुमार अनजान का रैलियों और आम चुनावों में उनके ओजस्वी भाषण अभी हाल में जंतर मंतर पर इंडिया घटक दलों के द्वारा एचईसी के मसले पर दिए गए धरना में शामिल होकर एचईसी बचाने के लिए लगातार संघर्ष के लिए कहा. झारखंड में एसपीटी और सीएनटी एक्ट की पूर्ण रूप से लागू हो, जबरिया भूमि अधिग्रहण पर रोक लगे. इस अवसर पर इम्तियाज अहमद खान, मनोज ठाकुर, श्यामल चक्रवर्ती, राजेश राय, वीरेन्द्र विश्वकर्मा, महेंद्र कुमार, सुनील कुमार, पीके गांगुली, संजीत, संतोष रजक, चंदन कुमार, रामसिंह सहित कई लोग शामिल हुए।

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