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झारखंड की राजधानी रांची में लंबे समय से बंद पड़े बेकन फैक्ट्री को पुनर्जीवित करने के लिए बहुत जल्द MOU होगा. जिसमें राष्ट्रीय मांस अनुसंधान केंद्र की भूमिका नॉलेज पार्टनर की होगी. बेकन फैक्ट्री को पुनर्जीवित करने के लिए सभी पुराने मशीनों को भी बदला जाएगा. यह जानकारी कृषि ,पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने दी. उन्होंने बताया कि 28 से 30 अप्रैल तक तेलंगाना राज्य का उनका दौरा झारखंड के किसानों के लिहाज से महत्वपूर्ण रहा.

कृषि मंत्री ने कहा कि झारखंड में शूकर पालन से जुड़े लोगों की संख्या काफी ज्यादा है. एक समय था जब बेकन फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मी अध्ययन के लिए डेनमार्क तक जा चुके हैं. ऐसे में बेकन फैक्ट्री को फिर से पुनर्जीवित करने के लिए कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग ने पहल की है.वहीं झारखंड में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने को लेकर उन्होंने कहा कि नेशनल फिशरीज डेवलपमेंट बोर्ड इस दिशा में झारखंड का सहयोग करने को तैयार है .

पर्ल कल्चर को बढ़ावा देने के लिए हजारीबाग का चयन

कृषि मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने पर्ल कल्चर को बढ़ावा देने के लिए हजारीबाग जिला को चुना है. राज्य के 100 किसानों को विशेष प्रशिक्षण के लिए भेजे जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. सीआईएफए भुनेश्वर में किसानों के साथ साथ मत्स्य विभाग के पदाधिकारियों को भी प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा. ताकि मत्स्य पालन के क्षेत्र में नई विधि को अपनाना और उत्पादन को बढ़ाना है.

मिलेट कैफेटेरिया बनाने की योजना

मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि झारखंड में मोटे अनाज के उत्पादन के लिए इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च सेंटर के मॉडल को अपनाने की जरूरत है . राज्य सरकार मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए किसानों को 3 हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दे रही है. इसका असर भी मोटे अनाज के उत्पादन में दोगुना वृद्धि के रूप में दिखने लगा है. वर्तमान में इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च के द्वारा मोटे अनाज से 40 प्रोडक्ट को तैयार किया जा रहा है. झारखंड में आने वाले समय में मिलेट कैफेटेरिया बनाने की योजना है . इसके लिए भी MOU करने की तैयारी है.

मोटे अनाज की लगातार बढ़ रही मांग

मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि किसान सोचते है कि मोटे अनाज की खेती से उनको फायदा नहीं होगा , लेकिन अब ऐसा नहीं है . बाजार में मोटे अनाज की मांग लगातार बढ़ रही है . किसानों को उनके फसल का उचित मूल्य मिल सके इस ओर सरकार ध्यान दे रही है . मूल्य संवर्धन की दिशा में बहुत काम करने की जरूरत है . राज्य में मडुआ के उत्पादन में बेहतर काम हुआ है . रांची के सी पार्क से जुड़े FPO/ महिला समूह को प्रशिक्षण देने की योजना है . इसके लिए इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च संस्थान को प्रस्ताव तैयार कर देने को भी कहा गया है . मोटे अनाज से जुड़े प्रोडक्ट को तैयार करने के लिए छोटे छोटे प्रोसेसिंग यूनिट खोलने की भी योजना है.

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