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जमशेदपुर के डिमना चौक स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कालेज अस्पताल में रविवार की शाम एक मरीज ने चौथे तल्ले से कूदकर जान दे दी. हालांकि मौत कैसे हुई, इसको लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. मृतक की पहचान पश्चिमी सिंहभूम के चक्रधरपुर कुरुलिया निवासी रघुनाथ मुंडा (50 वर्ष) के रूप में हुई. वह दस्त और पेट दर्द की शिकायत पर 21 अगस्त को इमरजेंसी विभाग में भर्ती हुआ था. अगले दिन 22 अगस्त को उसे मेडिसिन वार्ड (चौथा तल्ला भवन) में शिफ्ट किया गया.

वह बेड नंबर 518 पर भर्ती था. 23 अगस्त की रातभर वह सो नहीं सका, जिससे बाकी मरीज भी परेशान रहे. उसके बगल वाले मरीज विष्णु पदो ने बताया कि रविवार सुबह करीब नौ बजे रघुनाथ अचानक बेड से उठकर चला गया. उस समय उसकी पत्नी दामंती मुंडा किसी काम से नीचे गई हुई थी. वापस लौटने पर जब पति को बेड पर नहीं देखा तो उसने खोजबीन शुरू की. काफी देर तक तलाश करने के बावजूद जब कुछ पता नहीं चला तो दामंती बेड पर ही सो गई. इसी बीच दोपहर करीब तीन बजे अस्पताल के सफाई कर्मियों ने देखा कि एक मरीज गिरा पड़ा है.

उन्होंने तुरंत इसकी जानकारी होमगार्ड जवानों को दी. जवानों ने अधीक्षक डा. आरके मंधान को खबर दी. अधीक्षक मौके पर पहुंचे और इस बीच एमजीएम थाना पुलिस भी अस्पताल पहुंच गई। रघुनाथ को इमरजेंसी विभाग ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मरीज की मौत को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। चौथे तल्ले से गिरने पर हाथ-पैर टूटने और सिर फटने जैसी गंभीर चोटें आनी चाहिए थीं, लेकिन मृतक के शरीर पर वैसे घाव नहीं पाए गए. यही कारण है कि उसकी मौत को लेकर तरह-तरह की आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं.

अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, रघुनाथ शराब का आदी था. पिछले चार दिनों से उसे शराब नहीं मिली थी, जिससे वह बेचैन था. डाक्टरों का मानना है कि उसकी मानसिक स्थिति भी अस्थिर लग रही थी. घटना को किसी ने अपनी आंखों से नहीं देखा. इसलिए यह साफ नहीं है कि मरीज ने खुद छलांग लगाई या किसी अन्य कारण से गिरा. फिलहाल पुलिस और अस्पताल प्रबंधन दोनों ने मामले की जांच की बात कही है. 

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