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वैष्णो देवी मार्ग पर मंगलवार को हुए भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है. इस बीच वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने बारिश और ख़राब मौसम का हवाला देते हुए तीर्थयात्रियों से अपील की कि वो मौसम बेहतर होने पर ही अपनी यात्रा प्लान करें. बीबीसी संवाददाता माजिद जहांगीर के मुताबिक़ बुधवार को भी पूरे जम्मू क्षेत्र में दोपहर 12 बजे तक बारिश जारी रही. हालांकि उसके बाद बारिश में कमी देखी गई.

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह बुधवार सुबह जम्मू पहुंचे जहां उन्होंने भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हुए तवी ब्रिज का मुआयना किया. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमें बहुत दुख है कि 30 लोगों की मौत हो गई है. मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करके हालात की जानकारी दी. उन्होंने एनडीआरएफ़ की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए तैनात की जिसके लिए उनका शुक्रिया. उन्होंने आगे भी मदद का भरोसा दिया है.” उन्होंने इस बात पर भी हैरानी ज़ाहिर की कि ख़राब मौसम की चेतावनी के बावजूद तीर्थयात्रियों को ट्रैक से हटाया क्यों नहीं गया.

भूस्खलन की वजह से कम से कम 20 लोग घायल भी हुए हैं जिनका इलाज अस्पतालों में चल रहा है. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अस्पताल में भर्ती घायलों से मुलाक़ात की. उन्होंने कहा, “ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी. कई मृतकों की पहचान कर ली गई है और उनके शवों को उनके घर भेजने की तैयारी चल रही है. मृतकों के परिजनों को वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड पांच-पांच लाख रुपए मुआवज़ा देगा. साथ ही डिज़ास्टर मैनेजमेंट भी उन्हें चार-चार लाख रुपए देगा.”

मंगलवार को कटरा से वैष्णो देवी यात्रा मार्ग के बीच आधे रास्ते पर भारी बारिश के कारण अचानक भूस्खलन हो गया जिससे वहां मौजूद यात्रियों को संभलने का मौक़ा नहीं मिल पाया. हादसे के बाद वैष्णो देवी यात्रा को स्थगित करने का फ़ैसला किया गया. ख़राब मौसम के कारण जम्मू में सभी स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं.

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