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स्वास्थ्य विभाग से संबंधित विभागीय गोपनीय दस्तावेज लीक करने के मामले में पूर्व मंत्री सह जेडीयू विधायक सरयू राय के खिलाफ एमपी/एमएलए विशेष कोर्ट ने आरोप गठित (चार्ज फ्रेम) कर दिया है. साथ ही 12 अगस्त से गवाही शुरू करने का निर्देश दिया गया है. कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को गवाहों की पेशी सुनिश्चित करने का आदेश भी दिया है.

क्या है मामला

यह मामला डोरंडा थाना कांड संख्या 105/22 से जुड़ा है, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अवर सचिव विजय वर्मा ने दो मई 2022 को प्राथमिकी दर्ज करायी थी, उन्होंने सरयू राय पर विभागीय गोपनीय दस्तावेज की चोरी कर सार्वजनिक करने का आरोप लगाया था.

सरयू राय ने मई 2022 में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्वास्थ्य विभाग में कोरोना प्रोत्साहन राशि में घोटाले का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि विभाग की समिति ने 94 कर्मियों की सूची बनायी थी, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री के कोषांग से 60 अतिरिक्त नामों की सूची भेजी गयी, जिनमें तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का नाम शीर्ष पर था. सरयू राय ने 103 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का आरोप लगाया था. 

क्या कहना है सरयू राय का

बुधवार को एमपी / एमएलए कोर्ट में पेशी के बाद जदयू विधायक ने कहा कि पुलिस ने कानून के प्रावधानों की अनदेखी करते हुए राजनीतिक दबाव में आरोप पत्र दाखिल किया है. डोरंडा थाना के अनुसंधानकर्ता और हटिया डीएसपी ने कानून को ताक पर रख कर बिना किसी सबूत के न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया है.

सरयू राय ने कहा कि वह न्यायालय के समक्ष इस षडयंत्र का पर्दाफाश करेंगे और जिन पुलिस अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने एक साजिश के तहत मुकदमा किया है, उनके खिलाफ सरकार कार्रवाई करे, यह सुनिश्चित करायेंगे.

सरयू राय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में हुए इस बड़े घोटाले को उजागर करते हुए उन्होंने जिन दस्तावेजों को मुख्यमंत्री को सौंपा था, वे संचिका में रक्षित एक सामान्य दस्तावेज हैं. ये कहीं से भी गोपनीय दस्तावेज की श्रेणी में नहीं आते. फिर भी स्वास्थ्य विभाग ने उन पर मुकदमा दर्ज किया. ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट के अलावा आरोपपत्र में धारा 120(बी) का जिक्र है.

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