शहर से गांव डगर तक की कहानी

जीटी रोड लाइव खबरी

चुनाव आयोग ने देश भर के 334 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सूची से हटा दिया है क्योंकि वे 2019 से कोई भी चुनाव लड़ने की शर्त पूरी नहीं कर पाए और उनके कार्यालयों का पता नहीं चल सका. राजनीतिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है. आयोग के इस फैसले के बाद अब देश में 2520 राजनीतिक दल बचे हैं. इस वर्ष जून में आयोग ने ऐसे 345 दलों के खिलाफ कार्यवाही शुरू की थी, जिनमें से 334 को सूची से हटा दिया गया है. 

शनिवार को जारी एक आदेश में चुनाव आयोग ने कहा कि यह प्रक्रिया राजनीतिक व्यवस्था को दुरुस्त करने और ऐसे दलों को सूची से हटाने के उद्देश्य से शुरू की गई है, जिन्होंने 2019 के बाद से कोई भी लोकसभा या राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं या उपचुनावों में भाग नहीं लिया है साथ ही जिनका भौतिक रूप से पता भी नहीं लगाया जा सका है. सूची से हटाए गए दल अब चुनाव लड़ने के लिए अपने उम्मीदवार नहीं उतार सकते. 

देश में 2,520 राजनीतिक पार्टी मौजूद

चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद अब कुल 2,854 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों में से केवल 2,520 ही बचे हैं. इनमें वर्तमान में छह राष्ट्रीय दल और 67 राज्य स्तरीय दल हैं. अधिकारियों के अनुसार 2001 से चुनाव आयोग ने निष्क्रय पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को ”तीन से चार” बार हटाया है. सुप्रीम कोर्ट ने पहले चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों की ”मान्यता रद्द” करने से रोक दिया था, यह देखते हुए कि यह कानून के तहत निर्धारित नहीं है.

देश में राजनीतिक दल (राष्ट्रीय/राज्य/पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल) जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29ए के प्रविधानों के तहत चुनाव आयोग में पंजीकृत हैं. इस प्रावधान के तहत एक बार राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत होने के बाद किसी भी संगठन को कर छूट जैसे कुछ विशेषाधिकार और लाभ मिलते हैं.  

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version