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केंद्रीय मंत्री सह लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के केंद्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी पार्टी के चुनावी अभियान की शुरूआत रविवार को आरा से की. आरा के रमना मैदान में आयोजित “नव-संकल्प महासभा” में चिराग पासवान ने कहा, “लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और चिराग पासवान से लोग सवाल करते हैं कि आप कहां से चुनाव लड़ेंगे.”
“एनडीए गठबंधन को मजबूती देने के लिए और बिहार की 243 सीटों पर एनडीए के प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए मेरी पार्टी और चिराग पासवान हर सीट पर चिराग पासवान बनकर चुनाव लड़ने का काम करेंगे. केंद्रीय मंत्री ने कहा, “एनडीए बड़ी जीत की ओर अग्रसर हो, यह मेरा लक्ष्य है.”
“नव-संकल्प महासभा” में आए विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए चिराग पासवान ने कहा, ” ये सैलाब दर्शाता है कि बिहार में पुनः पूर्ण बहुमत से NDA की सरकार बनने जा रही है.आज जब मैं आप लोगों के बीच आया हूं, यह हमारे बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष है, एक ऐसा वर्ष जब हम एक बार फिर अगले पाँच वर्षों के लिए अपने नेता को चुनने का संकल्प लेंगे। ऐसे में यह साल हम सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।”
चिराग पासवान ने कहा, “मैं बिहार की हर एक सीट से बिहार को फर्स्ट और बिहारियों को फर्स्ट बनाने के लिए चुनाव लड़ूंगा। और सबसे बड़ी बात मैं बिहार से चुनाव नहीं लड़ूंगा, मैं बिहार के लिए चुनाव लड़ूंगा, बिहारियों के लिए चुनाव लड़ूंगा।”
कांग्रेस पर तीखा हमला
बिना नाम लिए कांग्रेस पर तीखा वार करते हुए लोजपा अध्यक्ष ने कहा, ” जो लोग आज डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर के नाम पर राजनीति कर रहे हैं, उन्हें इतिहास नहीं भूलना चाहिए. जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, तब संसद में बाबा साहेब की एक प्रतिमा तक नहीं लगाई गई थी. संसद में पहली बार बाबा साहेब की प्रतिमा उस समय लगी, जब वी.पी. सिंह जी की सरकार में मेरे पिता श्रद्धेय रामविलास पासवान जी, श्रम मंत्री थे. एक परिवार की तीन-तीन तस्वीरें संसद में लगी थीं, मगर बाबा साहेब की नहीं. बाबा साहेब के विचारों की बात करने वालों को यह भी याद रखना चाहिए.”
2020 के चुनाव में पार्टी की स्थिति
बता दें कि साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने एनडीए से बाहर जाकर चुनाव लड़ा था. उस वक्त उन्होंने 137 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें से सिर्फ मटिहानी सीट पर राजकुमार सिंह जीते थे. चुनाव जीतने के बाद राजकुमार सिंह ने भी जेडीयू का दामन थाम लिया था. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), सीएम नीतीश कुमार की जेडीयू और बीजेपी एनडीए गठबंधन का हिस्सा है.