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देवघर में 11 जुलाई से शुरू हो रहे राजकीय श्रावणी मेले के सफल आयोजन को लेकर राज्य सरकार जुट गई है. 11 जुलाई से 9 अगस्त तक आयोजित होने वाले इस मेले में लगभग 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के बाबा नगरी देवघर और दुमका स्थित बाबा बासुकी नाथ धाम में आने की संभावना है. श्रद्धालु बाबाधाम से सुखद अनुभव लेकर लौटें, इसकी तैयारियां विभिन्न स्तरों पर व्यापक तरीके से की जा रही है.
बुधवार को राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने तैयारियों को लेकर सभी संबंधित विभागों के प्रमुख और देवघर व दुमका के डीसी, एसपी व अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान मुख्य सचिव का फोकस लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा पर नजर आई. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मेले के दौरान भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था पुख्ता रहे. आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित, जवाबदेह और संवेदनशील लोगों की तैनाती हो.
भगदड़ की स्थिति नहीं बने
मुख्य सचिव ने कहा कि भगदड़ की स्थित नहीं बने, इसके लिए तय मानकों का अनुपालन हर हाल में सुनिश्चित हो. भीड़ नियंत्रण के लिए एआई आधारित सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन आदि के फुटेज की लगातार मॉनिटरिंग हो ताकि भीड़ बढ़ने की स्थिति में उसे तत्काल नियंत्रित किया जा सके.
श्रद्धालुओं के आने-जाने की अलग अलग व्यवस्था होने के भी मुख्य सचिव ने निर्देश दिए. इंट्री पवाइंट पर मेटल डिटेक्टर से लोगों को गुजारने के दौरान अत्यधिक भीड़ की स्थिति से भी बचने की उन्होंने बात कही.
मुख्य सचिव ने बाबा मंदिर का कपाट खुलने के साथ भीड़ का दबाव बढ़ने की स्थिति में जिले के उपायुक्त और एसपी उस समय अपनी मौजूदगी सुनिश्चित करते हुए व्यवस्था नियंत्रण की बागडोर संभालने का निर्देश दिया. उन्होंने निर्देश दिया कि आपात विभाग से जुड़े मुख्यालय के आला अधिकारी मौके पर जाकर तैयारियों का जायजा लें और कमियों को समय रहते दुरुस्त कराएं.
स्वच्छता पर हो पूरा फोकस
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध सुविधाओं के रख-रखाव पर भी विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया. उन्होंने बारिश के मौसम के मद्देनजर स्वच्छता पर पूरा फोकस रखने के अलावा श्रद्धालुओं के लिए बने टेंट सिटी में शौचालय, पेयजल, शयन आदि की व्यवस्था के लगातार मेंटेनेंस पर भी जोर दिया.
मुख्य सचिव ने टेंट सिटी में श्रद्धालुओं के लिए डिस्पोजल बेड कवर की व्यवस्था समय रहते सुनिश्चित कर लेने की भी बात कही. इसके अलावा कावंरिया पथ समेत बाबा नगरी और बासुकीनाथ धाम की सड़कों, श्रद्धालुओं के आवासन, ट्रैफिक व्यवस्था, अग्निशमन व्यवस्था, एंबुलेस एवं चिकित्सा व्यवस्था, स्ट्रीट लाइट इत्यादि पर भी संबंधित लोगों को निर्देशित किया गया,