जीटी रोड लाइव खबरी
संयुक्त किसान मोर्चा एवं ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने केंद्र सरकार की मज़दूर विरोधी, किसान विरोधी और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आगामी 9 जुलाई 2025 को राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया है. इसे लेकर शुक्रवार को रांची में प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें यूनियनों ने अपनी योजनाओं और मांगों को सार्वजनिक किया.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि केंद्र सरकार मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं को लागू करने की कोशिशों में लगातार तेज़ी ला रही है. यह संहिताएं न केवल स्थायी रोज़गार को खत्म करती हैं, बल्कि ट्रेड यूनियन के अधिकारों, हड़ताल के अधिकार और सामाजिक सुरक्षा को भी छीनने की साजिश हैं.
प्रेस कांफ्रेंस में एक्टू के शुभेंदु सेन, एटक के अशोक यादव, संतोष रजक, सीटू के अनिर्बान बोस, प्रतीक मिश्रा, एस के राय, बेफी के एम एल सिंह, किसान सभा के सुफल महतो, प्रफुल लिंडा और अजय सिंह मौजूद थे.
राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल 17 सूत्री मांगों को लेकर है, जिसमें प्रमुख माँगें हैं:
चारों श्रम संहिताओं को तत्काल रद्द किया जाए
सभी मज़दूरों के लिए ₹26000 न्यूनतम वेतन और ₹9000 न्यूनतम पेंशन सुनिश्चित हो,
पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए,
महंगाई पर रोक लगे, आवश्यक वस्तुओं से GST हटे,
सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण रोका जाए
यूनियन बनाने और सामूहिक सौदेबाज़ी के अधिकारों का सम्मान हो
शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और पानी जैसी ज़रूरतों की सार्वजनिक गारंटी हो।
बिजली का निजीकरण रोको, स्मार्ट मीटर बंद करो
किसानों को फसल पर MSP की गारंटी की जाए
वन अधिकार कानून में जनविरोधी संशोधन रद्द करो
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि हड़ताल को लेकर रांची, बोकारो, धनबाद, कोडरमा, रामगढ़, हजारीबाग, जामताड़ा, देवघर, दुमका और कोल्हान क्षेत्रों में जिला सम्मेलन आयोजित किए गए तो वहीं नुक्कड़ सभाओं के अलावा, कॉलोनियों और बस्तियों में जनसंपर्क, बाइक/साइकिल/जीप प्रचार यात्राएं भी आयोजित की गई है. 8 जुलाई को मशाल जुलूस और 9 जुलाई को राज्य और ज़िला मुख्यालयों पर प्रतीकात्मक पुतला दहन एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क जाम की तैयारी है.