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भारत और पाकिस्तान के संघर्ष पर सोशल मीडिया पोस्ट करने वाले अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफ़ेसर अली ख़ान महमूदाबाद को रविवार सुबह गिरफ़्तार किया गया. हरियाणा की सोनीपत पुलिस ने स्थानीय निवासी योगेश की शिकायत के आधार पर की गई इस गिरफ्तारी को लेकर आज सोमवार को प्रोफेसर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. रिपोर्ट के मुताबिक सीजेआई गवई इस मामले को 20 मई या 21 मई को लिस्ट करने के लिए तैयार हुए हैं.

मुख्य न्यायाधीश से तत्काल सुनवाई की मांग

सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने आज मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई के सामने प्रोफ़ेसर अली ख़ान की याचिका तुरंत लिस्ट करने की अपील की. सिब्बल ने कहा, “अशोका यूनिवर्सिटी के एक प्रोफ़ेसर पर ऑपरेशन सिंदूर पर उनके पूरी तरह से देशभक्ति वाले बयान के बावजूद कार्रवाई की गई है, इस मामले को तुरंत लिस्ट किया जाना चाहिए.”

प्रोफ़ेसर अली ख़ान महमूदाबाद ने अपनी फ़ेसबुक पोस्ट में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष और दो महिला सैन्य अफ़सरों को प्रेस ब्रीफ़िंग में भेजने को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखी थी. उन्होंने युद्ध के नुक़सान भी इस पोस्ट में बताए थे. शिकायतकर्ता योगेश ने पुलिस में शिकायत दी जिसके बाद स्थानीय पुलिस ने दो समुदायों में नफ़रत भड़काने की धारा के तहत मामला दर्ज किया.

गिरफ्तारी पर प्रोफेसर की पत्नी ने यह कहा 

प्रोफ़ेसर अली ख़ान महमूदाबाद की पत्नी ओनाइज़ा ने कहा, “आज सुबह क़रीब साढ़े छह बजे पुलिस की टीम अचानक हमारे घर पहुंची और बिना कोई जानकारी दिए प्रोफ़ेसर अली ख़ान महमूदाबाद को अपने साथ ले गई. मैं नौ माह की गर्भवती हूं. जल्द ही मेरी डिलीवरी होने जा रही है, मेरे पति को बिना कोई ठोस कारण या वजह बताए ज़बरदस्ती हमारे घर से उठा लिया गया है.”

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