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जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को उनकी पार्टी के सिग्नेचर अभियान के तहत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक गांव कल्याण बिगहा में जाने से रोक दिया गया. इस बीच प्रशांत किशोर और नालंदा ज़िले के एसडीएम के बीच काफ़ी बहस हुई.

इस बहस के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा, “किस कानून के तहत आप मुझे कल्याण बिगहा जाने से रोक रहे हैं? क्या मुझे गांव में जाने के लिए आपकी अनुमति लेनी पड़ेगी. जब मैं दूसरे गांवों में गया था तो क्या वहां कोई कानून-व्यवस्था की स्थिति नहीं थी? आप किस अधिकार के तहत हमें इस गांव में जाने से रोक रहे हैं, आप हमें लिख कर दीजिए.”

आरसीपी सिंह जन सुराज पार्टी में शामिल 

इससे पहले रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने अपनी ‘आप सबकी आवाज’ पार्टी का विलय जन सुराज पार्टी में करने की भी घोषणा की है. सिंह ने नवंबर 2024 में अपनी खुद की पार्टी बनाई थी. नालंदा में आयोजित एक कार्यक्रम में आरसीपी सिंह ने कहा, “जिस पार्टी के साथ हम आए हैं उसका नाम है जन सुराज है, जन सुराज से बिहार की जनता को बहुत आशा हैं. हमारा लक्ष्य छोटा नहीं है. प्रशांत जी का अपना अनुभव है और मेरा भी अपना अनुभव है. हम कुछ दावा नहीं करते हैं लेकिन बिहार में बहुत कम लोगों का इस तरह का अनुभव होगा.”

वहीं जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा, “आरसीपी जी हमारे बड़े भाई जैसे हैं. वो बिहार में सामाजिक और राजनीति की समझ रखने वाले सबसे बेहतर लोगों में से हैं. उनकी भूमिका इस व्यवस्था को बनाने वाले और इसका नेतृत्व करने वाले की होगी.”

राजद और भाजपा की आई प्रतिक्रिया

राजद नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “दोनों जेडीयू में थे, एक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और एक राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. यह कौन करा रहा है और कैसे हो रहा है यह बिहार की जनता जानती है कि किसके इशारे पर हो रहा है.”

आरसीपी सिंह के जन सुराज ज्वाइन करने पर भाजपा नेता शाहनवाज़ हुसैन ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा, “बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए मज़बूत है. कोई भी किसी के साथ आ जाए, इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. हम नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ेंगे और बिहार में 200 से ज्यादा सीटें जीतने वाले हैं.”

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