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उत्तर प्रदेश के मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में शुक्रवार को इलाहबाद हाई कोर्ट ने हिंदू पक्ष की मांग वाली एक याचिका को ख़ारिज कर दिया है. हिंदू पक्ष ने मांग की थी कि ‘शाही ईदगाह मस्जिद’ शब्द की जगह ‘विवादित ढांचा’ शब्द का इस्तेमाल किया जाए. लेकिन अदालत ने हिंदू पक्ष की इस मांग वाली याचिका को ख़ारिज कर दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 2 अगस्त, 2025 को होगी.
लाइव लॉ के मुताबिक़, न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की पीठ ने मौखिक रूप से कहा कि, “यह अर्जी इस स्तर पर ख़ारिज की जा रही है.” हिंदू पक्ष की तरफ से 5 मार्च, 2025 को मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित किए जाने की याचिका दायर की गई थी. हिंदू पक्ष की ओर से दावा किया गया था ईदगाह का निर्माण श्रीकृष्ण जन्मभूमि को तोड़ कर किया गया था. इस केस में 23 मई को बहस पूरी कर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था. आज हिंदू पक्ष की याचिका खारिज कर दी गई.
क्या है कृष्ण जन्मभूमि विवाद
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मथुरा के कटरा केशव देव क्षेत्र में 13.37 एकड़ जमीन है जिस पर मंदिर और मस्जिद दोनों बनी हैं. रिपोर्ट के मुताबिक 11 एकड़ जमीन पर मंदिर बना है, बाकी पर ईदगाह का दावा है. हिंदू पक्ष का दावा है कि 1670 में औरंगजेब ने जन्मस्थान पर बने मंदिर को तोड़कर शाही ईदगाह मस्जिद बनवाई थी.
हिंदू पक्ष का दावा है कि वहां पर मस्जिद होने का कोई साक्ष्य आज तक शाही ईदगाह मस्जिद पक्ष न्यायालय में पेश नहीं कर सका. न खसरा खतौनी में मस्जिद का नाम है, न नगर निगम में उसका कोई रिकॉर्ड. न कोई टैक्स दिया जा रहा, बिजली चोरी की रिपोर्ट भी शाही ईदगाह प्रबंध कमेटी के खिलाफ भी हो चुकी है, फिर इसे मस्जिद क्यों कहा जाए. इसलिए मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित किया जाए.