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29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में एक मस्जिद के पास हुए बम विस्फोट मामले में विशेष एनआईए कोर्ट ने सभी सात अभियुक्तों को बरी कर दिया है. अभियुक्तों में भोपाल से सांसद रह चुकी भाजपा नेता साध्वी प्रज्ञा भी शामिल थी. इसके अलावा लेफ़्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित भी इस मामले में चर्चित अभियुक्त रहे हैं. क़रीब 17 साल पहले मालेगांव में मस्जिद के पास खड़ी मोटरसाइकिलों में हुए बम धमाकों में छह लोगों की मौत हुई थी और 100 से ज़्यादा लोग घायल हुए थे.
इस मामले में लेफ़्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, बीजेपी नेता प्रज्ञा ठाकुर, मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी के ख़िलाफ़ ग़ैर क़ानूनी गतिविधियाँ रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत मामला दर्ज किया गया था. शुरुआत में इस मामले की जाँच महाराष्ट्र एटीएस कर रहा था, लेकिन 2011 में इसकी जाँच की ज़िम्मेदारी एनआईए को सौंप दी गई थी.
सीएम फड़नवीस ने फैसले पर दी प्रतिक्रिया
मालेगांव बम विस्फोट मामले में अदालत के फ़ैसले के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा, “आतंकवाद भगवा न कभी था, ना है, ना कभी रहेगा!”
वहीं बाद में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, “अभी इसको हम लोग विस्तार से देखेंगे. इसके अंदर क्या दिया गया है? क्या कहा गया है? इसको देखने के बाद ही कोई फ़ैसला होगा.” देवेंद्र फडणवीस ने साफ़ कहा, “फिलहाल जिस तरह की चीजें सामने आ रही हैं. उसमें यह स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है कि षडयंत्र था.”