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झारखण्ड के DGP अनुराग गुप्ता से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का अनुराग कम होने का नाम नहीं ले रहा है. और दूसरी तरफ 3 फरवरी 2025 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 22 अप्रैल 2025 को राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखा और अनुराग गुप्ता की  सेवानिवृति तिथि 30 अप्रैल तक उन्हे DGP  पद से रिटायर करने का आदेश  जारी कर दिया.  मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नियम के तहत DGP को अपने पद पर  बनाये रखा. लेकिन केंद्र को हेमंत का  अनुराग  से अनुराग  पसंद नहीं आ रहा है. जिसकी वजह से केंद्र ने राज्य सरकार के फ़ैसले को गलत बताते हुए  DGP अनुराग गुप्ता को हटाने के लिए कहा. केंद्र का कहना है कि जिस नियम का हवाला दिया जा रहा है वह गलत है. केंद्र को मान्य नहीं है.

DGP अनुराग गुप्ता से केंद्र सरकार को ज्यादा अनुराग है या राज्य सरकार को ये तो समझ से परे है. केंद्र DGP को आराम करवाना चाहता है और राज्य कम करवाना .अब इस खीचातानी में एक नया और दिलचस्प  मोड़ आ गया है. झारखंड के प्रधान महालेखाकार कार्यालय ने अनुराग गुप्ता को 30 अप्रैल से सेवानिवृत मानते हुए एक मई से उनकी सैलरी शून्य कर दी है, एजी ऑफिस ने पे-शून्य करने की जानकारी डीजीपी अनुराग गुप्ता और प्रोजेक्ट बिल्डिंग ट्रेजरी को भी भेज दी. पे-स्लीप शून्य होने से 30 अप्रैल के बाद से डीजीपी का वेतन ट्रेजरी से मिलना मुश्किल लग रहा है. राज्य सरकार ने पहली बार 26 अप्रैल 2024 को डीजीपी अजय कुमार सिंह को हटाकर अनुराग गुप्ता को प्रभारी DGP बनाया था. इसके बाद झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने प्रभारी DGP अनुराग गुप्ता को हटाने का आदेश दिया था. 10 अक्टूबर 2024 को अनुराग गुप्ता को पद से हटा दिया गया था इसके बाद अजय कुमार सिंह को फिर से DGP बनाया गया. चुनाव खत्म होने के बाद 28 नवंबर को अजय कुमार सिंह को एक बार फिर से हटाकर अनुराग गुप्ता को   DGP बना  दिया गया. 

 

 

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