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9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी गुरुवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे. नामांकन दाखिल करने से पहले बी. सुदर्शन रेड्डी ने राहुल गांधी की जमकर तारीफ की. उन्होंने राहुल गांधी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह सड़कों को शांत नहीं रहने देते हैं. उन्होंने कांग्रेस सांसद की तारीफ करते हुए राममनोहर लोहिया की पंक्ति को याद किया और कहा कि जब सड़कें खामोश होती हैं, सदन आवारा होता है.
उन्होंने बिहार में मौजूदा संकट पर भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार गंभीर चुनौती का सामना कर रहा है, जो संविधान के लिए एक बड़ा खतरा है.
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का जिक्र करते हुए बी. सुदर्शन रेड्डी ने मतदान के अधिकार के महत्व पर जोर दिया और इसे आम आदमी के हाथ में एकमात्र साधन या हथियार करार दिया. उन्होंने कहा कि जब इस अधिकार को छीनने की कोशिश की जाती है, तो क्या लोकतंत्र बचेगा.
बता दें कि बी. सुदर्शन रेड्डी सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश हैं. आंध्र प्रदेश के रंगा रेड्डी जिले के अकुला मायलारम गांव में एक कृषि परिवार में 8 जुलाई 1946 को जन्मे बी. सुदर्शन रेड्डी सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्ति होने के बाद गोवा के पहले लोकायुक्त भी रह चुके हैं. शुरुआती पढ़ाई के बाद उन्होंने हैदराबाद के उस्मानिया यूनिवर्सिटी से 1971 में लॉ पास किया.
1993 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के एडिशनल जज बनने के बाद 5 दिसंबर 2005 को वे गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने. 12 जनवरी 2007 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का एडिशनल जज नियुक्त किया गया और वे 8 जुलाई 2011 को रिटायर हुए. रिटायरमेंट के बाद मार्च 2013 में उन्होंने गोवा के पहले लोकायुक्त के रूप में कार्यभार संभाला, हालांकि अक्टूबर 2013 में उन्होंने निजी कारणों से इस्तीफ़ा दे दिया था.