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बुधवार 4 जून को बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु यानी आरसीबी के जश्न के दौरान हुई भगदड़ के मामले में बेंगलुरु पुलिस ने दो अधिकारियों को गिरफ़्तार किया है. इन दोनों आधिकारियों को एयरपोर्ट पर उस वक्त गिरफ़्तार किया गया जब दोनों शहर छोड़कर जाने की कोशिश कर रहे थे. आरसीबी मैनेजमेंट टीम के निखिल सोसले और डीएनए इवेंट मैनेजमेंट के सुनील मैथ्यू को गिरफ़्तार किया गया हैं.

पुलिस अधिकारियों के अनुसार अभी इस मामले में और गिरफ़्तारियां होगी. ये दोनों गिरफ़्तारियां एफ़आईआर दर्ज होने और राज्य सरकार की ओर से आरसीबी, कर्नाटक क्रिकेट संघ और डीएनए इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के ख़िलाफ़ सख़्त क़दम उठाने के फै़सले के बाद हुई है. इन दोनों आधिकारियों पर फ़्री पास देने की घोषणा कर भीड़ जुटाने का आरोप हैं.

इन दोनों आधिकारियों पर आरोप हैं कि उन्होंने आरसीबी टीम के 18 साल बाद आईपीएल जीतने के बाद आरसीबी के सोशल मीडिया हैंडल और वेबसाइट पर विधानसभा की इमारत से कर्नाटक क्रिकेट संघ तक होने वाली टीम की विजय परेड और स्टेडियम में फ़्री पास मिलने की जानकारी दी थी.

पुलिस कमिश्नर समेत कई अधिकारी पर गिरी गाज

इससे पहले इस मामले में ही गुरुवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर सहित कई शीर्ष पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया था. सीएम सिद्धारमैया ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में एडीजीपी रैंक के अधिकारी बी दयानंद को निलंबित किए जाने के कैबिनेट के फ़ैसले की जानकारी दी थी.

बी दयानंद हाल के वर्षों में बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त के रूप में सबसे लंबे समय तक रहे हैं. कर्नाटक में पहले कभी भी बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर को निलंबित नहीं किया गया है. बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर के अलावा, अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर विकास कुमार विकास, डीसीपी सेंट्रल शेखर एचटी, एसीपी बालकृष्ण को भी निलंबित किया गया किया गया है.

एक सदस्यीय जांच आयोग गठित

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने पूर्व हाईकोर्ट जज जस्टिस माइकल कुन्हा की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग गठित करने का फ़ैसला किया. सिद्धारमैया ने कहा, “इन अधिकारियों को निलंबित करने का निर्णय लिया गया है क्योंकि वे गैर-ज़िम्मेदार और लापरवाह हैं. मेरे विधायक, मंत्री, उप मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री बनने के बाद से ऐसी घटना नहीं हुई है. इस घटना ने हमें आहत किया है.”

कर्नाटक हाईकोर्ट में दस जून को सुनवाई

चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर बुधवार को हुए भगदड़ में 11 लोगों की मौत और 33 लोगों के घायल होने के मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने भी स्वत: संज्ञान लिया है.  कर्नाटक उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव और न्यायमूर्ति सीएम जोशी की पीठ ने कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी करते हुए पूरी स्थिति की रिपोर्ट मांगी है.इस मामले में दस जून को सुनवाई होगी.

इस मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने सवाल किया कि क्या सरकार भविष्य में ऐसी स्थितियों से निपटने के​ लिए मानक संचालन प्रकिया (एसओपी) तैयार करेगी? महाधिवक्ता शशि किरण शेट्टी ने कहा कि सरकार ऐसा करेगी. शेट्टी ने न्यायालय को यह भी बताया कि घटना के समय स्टेडियम भर जाने के बाद स्टेडियम के आसपास दो लाख लोग मौजूद थे. इस मामले को लेकर न्यायिक जांच के लिए एक जनहित याचिका दायर की गई है.

RCB और कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाफ एफआईआर

इससे पहले इस मामले में गुरुवार को ही कर्नाटक पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज की है. एफ़आईआर में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु, इवेंट कराने वाली कंपनी डीएनए और कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन का नाम भी शामिल है. कर्नाटक पुलिस ने तीनों संस्थानों पर गैर इरादतन हत्या, जान बूझकर किसी को गंभीर चोट पहुंचाने सहित बीएनएस की धारा 105, 118 और 120 के तहत मुक़दमा दर्ज किया है.

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