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बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हुए मतदाता विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIR के बाद जारी हुए पहले संशोधित वोटर लिस्ट के ड्राफ्ट को लेकर लोगों की आपत्तियों को सुनने की प्रक्रिया जारी है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय चुनाव आयोग से SIR के दौरान बिहार की वोटर लिस्ट से हटाए गए 65 लाख लोगों की पूरी जानकारी शेयर करने को कहा है. कोर्ट ने इस संबंध में चुनाव आयोग से नौ अगस्त तक जवाब देने को कहा है.

जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्जवल भुइयां और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने केंद्रीय चुनाव आयोग से उन 65 लाख वोटर्स का ब्योरा मांगा है, जिनके नामों को मतदाता सूची से हटा दिया गया है.

इसके साथ ही इस लिस्ट की एक कॉपी मामले में याचिकाकर्ता एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) को भी देने को कहा है. बता दें कि एसडीआर ने चुनाव आयोग के 24 जून के आदेश को चुनौती दी है. चुनाव आयोग ने 24 जून को बिहार से शुरू कर देशभर में एसआईआर लागू करने की भी बात कही थी.

बिहार में 24 जून से शुरू हुई एसआईआर प्रक्रिया के बाद अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की जाएगी. चुनाव आयोग ने बीते 27 जुलाई को जारी एक प्रेस नोट में कहा है कि बिहार में 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 7.24 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं यानी 91.69 फीसदी ने अपने गणना फॉर्म जमा कर दिए हैं. 

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