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राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हजारों छात्रों ने “अभ्यर्थियों की अगस्त क्रांति” नाम से बड़ा प्रदर्शन किया. इस आंदोलन में SSC, UPSC, State PCS और अन्य परीक्षाओं की तैयारी करने वाले हजारों अभ्यर्थी शामिल हुए. रविवार देर शाम इस आंदोलन में तब हंगामा मच गया जब छात्रों के मुताबिक पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की. छात्रों की मुख्य मांग इंडियन स्टूडेंट कमीशन बनाया जाए ताकि प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़ी समस्याओं का संस्थागत स्तर पर समाधान हो सके.
अभ्यर्थियों का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने गैर कानूनी तरीके से उन्हें प्रदर्शन स्थल से हटाने की कोशिश की है, जबकि उनके पास दो दिन तक प्रदर्शन करने की अनुमति थी. पुलिस ने हटाए जाने का विरोध करने पर हल्का बल प्रयोग भी किया. छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने मंच पर मौजूद कुछ नेताओं और छात्रों को हटाने की कोशिश की और उन पर हमला कर दिया. कई छात्रों का कहना है कि उन्हें स्टेज से धक्का देकर गिराया गया. इस दौरान भगदड़ मच गई और अफरा-तफरी का माहौल बन गया.
SSC की परीक्षाओं में तकनीकी खामियों और अव्यवस्था को लेकर जुलाई-अगस्त में बड़े पैमाने पर विरोध हुए थे. 6 अगस्त को स्टेनोग्राफर परीक्षा में गड़बड़ियां सामने आईं. इसके बाद CGL परीक्षा भी टाल दी गई. अभ्यर्थियों का कहना है कि बार-बार परीक्षा टालने, रिजल्ट में देरी और पेपर लीक जैसी समस्याओं ने उनका भविष्य अधर में डाल दिया है. ऐसे में अब उन्हें स्थायी और कानूनी व्यवस्था चाहिए. सभी की मांग साफ है- एक पारदर्शी और जवाबदेह परीक्षा प्रणाली.
प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगें
- Eduquity जैसे विवादित वेंडर को हटाया जाए.
- गलत परीक्षा केंद्रों को ब्लैकलिस्ट कर उन पर जुर्माना लगे.
- प्राइवेट एजेंसियों की लापरवाही पर उनका अनुबंध रद्द हो.
- प्रभावित छात्रों को फीस वापसी और यात्रा भत्ता मिले.
- उत्तर कुंजी समय पर जारी हो और आपत्तियों का अवसर दिया जाए.
- 6–8 महीने में पूरी होने वाली एक स्थायी परीक्षा कैलेंडर लागू हो.
- EWS को भी OBC जैसी सुविधाएं मिले, UPSC छूटे अटेम्प्ट का मुआवजा दिया जाए.
- “स्टूडेंट्स कमीशन ऑफ इंडिया” का गठन हो.
- फर्जी सर्टिफिकेट पर सख्त कार्रवाई की जाए.
- परीक्षा का सेंटर जरुरत से ज्यादा दूर न दिया जाए.