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बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाला है. ऐसे में बिहार का राजनितिक पारा अपने चरम पर है ठीक विधानसभा के कुछ महीने पहले जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और NDA के मंत्री रहे आर सी पी सिंह ने अपनी पार्टी “आसा” का जन सुराज पार्टी में विलय कर दिया. आर सी पी सिंह ने दावा किया की वो एक नई राजनीतिक पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं. प्रशांत किशोर के सामने उन्होंने अपनी नई राजनीतिक पारी की शुरुआत करते हुए दावा किया कि 2025 में बिहार में जन सुराज की सरकार बनेगी. और उन्होंने कहा की हम पहली बार अपना घर बनाने जा रहे हैं. मोदी जी बात करते है 2047 विकसित भारत की लेकिन बिहार की बात नहीं करते हैं.हमने NDA के लिए मजदूरी की किया है.जनसुराज के प्रशांत किशोर कहा की की जनसुराज पार्टी ही बिहार का विकाश कर सकती है.JDU को उन्होंने भ्रष्ट पार्टी बताते हुए कहा की आपलोगों को समझ में आये तो एक दो महीने के अन्दर आपलोग भी आ सकते हैं.उन्होंने कहा की नीतीश कुमार अब पार्टी ना ही चला रहे हौं और ना ही चला सकते हैं.उन्होंने कहा
RCP SINGH राजनीति का विषैला कीटाणु
जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने प्रशांत किशोर और RCP SINGH को राजनीति का विषैला कीटाणु कहा उन्होंने कहा कि जो नीतीश कुमार के साथ विश्वासघात किया, आज एक हो रहे है. उन्होंने दोनों नेताओं को छुटा हुआ कारतूस बताया. साथ ही चुनौती देते हुए कहा की कि आरसीपी सिंह के दम है तो नालंदा की किसी भी सीट से विधानसभा का चुनाव लड़कर दिखा दें. अगर उनको मुखिया से ज्यादा वोट मिला तो वह राजनीति छोड़ देंगे. उन्होंने कहा कि एक तरफ संपत्ति सृजन और साइलेंट करप्शन करने वाले आरसीपी सिंह हैं तो दूसरी तरफ प्रशांत किशोर हैं, जिनके तेलंगाना की कंपनियों से लेनदेन के मामले को प्रतिवेदित किया लेकिन जुबान नहीं खुली. उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना प्राइवेट सेक्रेटरी बनाया और राज्यसभा भी भेजा लेकिन उन्होंने उन्होंने विश्वासघात किया. बीजेपी प्रवक्ता राम सागर सिंह ने भी आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि दोनों के मिलने से कुछ होने वाला नहीं है. प्रशांत किशोर को लोगों ने उपचुनाव में ही औकात बता दिया है, जबकि आरसीपी सिंह को एक भी कोईरी-कुर्मी वोट नहीं मिलने वाला है.”बाई इलेक्शन के बाद प्रशांत किशोर चुके हुए नेता के रूप में जाने जा रहे हैं तो राजनीति में आरसीपी सिंह फूंके हुए नेता के रूप में जाने जा रहे हैं. ना तो प्रशांत किशोर NDA के सवर्ण वोटों को अपने साथ खींच सकते हैं और ना हीं आरसीपी सिंह कोईरी-कुर्मी वोट अपने साथ खींच सकते हैं. बिहार में एनडीए के पांचों घटक दलों की सरकार बनेगी.