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दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के कारण झारखंड में विश्व आदिवासी दिवस का आयोजन उत्साहपूर्वक नहीं हो रहा है. तीन दिवसीय राज्यस्तरीय समारोह पहले ही स्थगित हो चुके हैं तो वहीं कई आदिवासी संगठनों ने भी आदिवासी दिवस को लेकर आयोजित किए जाने वाले अपने कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया है. हालांकि प्रतीकात्मक रूप से एचपीडीसी सभागार में झारखंड इंडीजिनियस पीपुल्स फोरम की ओर से आयोजित परिचर्चा में आदिवासी अधिकारों, संवैधानिक मूल्यों पर चर्चा की गई तो वहीं सिरम टोली सरना स्थल बचाओ संघर्ष मोर्चा व आदिवासी जमीन बचाओ मोर्चा की ओर से जुलूस निकाला गया. 

सीएम हेमंत ने एक्स पोस्ट के जरिए पिता को किया याद

विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने एक्स पोस्ट के जरिए अपने पिता दिवंगत दिशोम गुरु को याद किया. अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा, “आज विश्व आदिवासी दिवस है पर मेरे मार्गदर्शक, मेरे गुरु, मेरे बाबा सशरीर साथ नहीं हैं, मगर उनका संघर्ष, उनके विचार, उनके आदर्श हमें हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे. वह न केवल मेरे पिता थे, बल्कि समस्त आदिवासी समाज समेत झारखण्ड की आत्मा, संघर्ष के प्रतीक और जल-जंगल-जमीन के सबसे मुखर रक्षक भी थे.”
आगे उन्होंने लिखा, “यह आदिवासी समाज ही है जिसने मानवजाति को प्रकृति के साथ सांमजस्य बनाकर खुशहाल जीवन जीने का मार्ग दिखाया है. आदिवासी समाज का जीवन-दर्शन प्रकृति से ही शुरु और प्रकृति पर ही खत्म होता है. मगर सदियों से खुद आदिवासी तथा शोषित-वंचित समाज हाशिये पर खड़े रहने को मजबूर रहा. बाबा ने इसी स्थिति को बदलने के लिए अपना पूरा जीवन न्यौछावर कर दिया था.”
विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को लेकर उन्होंने लिखा, “विश्व आदिवासी दिवस पर राज्य भर में होना वाला कार्यक्रम उनका प्रिय रहा, क्यूंकि यह अवसर आदिवासी समाज की समृद्ध सभ्यता और संस्कृति को एक सूत्र में पिरोने का माध्यम रहा है, आदिवासी समाज की प्रतिभा को वैश्विक मंच देने का अवसर बना है. आज पूरा विश्व आदिवासी दिवस मना रहा है. इस अवसर पर मैं बाबा दिशोम गुरु सहित हमारे सभी वीर पुरुखों को नमन करता हूँ, जिन्होंने संघर्ष और शहादत देकर हमारी पहचान, हमारी संस्कृति, हमारी सभ्यता और हमारे अधिकारों की रक्षा की.”
सीएम हेमंत सोरेन ने लिखा, “विश्व आदिवासी दिवस पर मैं नमन करता हूँ अपने वीर पुरखों को, और संकल्प लेता हूं कि उनके दिखाए मार्ग पर चलकर झारखण्ड और देश में आदिवासी अस्मिता की मशाल को और ऊंचा करूंगा. झारखण्ड के वीर अमर रहें! देश के समस्त वीर आदिवासी योद्धा अमर रहें! जय जोहार, जय आदिवासियत, जय झारखण्ड!”
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