शहर से गांव डगर तक की कहानी

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हरे-भरे खेत, पेड़ों की लहराती टहनियां, नीले आसमान के नीचे फैली हरियाली और मिट्टी मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का पैतृक गांव नेमरा. गांव की पगडंडियों पर चलते हुए मुख्यमंत्री ने न केवल धान रोपनी में लगे किसानों-महिलाओं के साथ बातचीत की, बल्कि प्रकृति के इस अद्भुत सौंदर्य को निहारते हुए बचपन की यादें भी ताजा कीं.

सीएम हेमंत सोरेन ने नेमरा के बरमसिया और बड़का नदी दोईन में किसानों से बातचीत करते हुए कहा कि स्थानीय तौर पर बारिश के पानी का खेती के लिए इस्तेमाल किए जाने के बहुत फायदे हैं. उन्होंने किसानों से कहा कि छोटी बरसाती नदी के पानी को चेक डैम के जरिए खेतों तक पहुंचाने की सरकार की योजना का लाभ लें. स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर अपनी खेती की बेहतरी से अपनी आमदनी बढ़ाने का प्रयास करें। सरकार आपके साथ खड़ी है, आपकी मदद के लिए तत्पर है.

उन्होंने कहा कि प्रकृति के ऐसे नजारों को देखने के लिए लोग दूर-दूर देशों तक घूमने जाते हैं. अपने झारखंड के गांवों में तमाम ऐसे दृश्य प्रकृति ने बिखेर रखा है. हम सबों को पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए सजग रहने की जरूरत है. इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने किसानों से लंबी बातचीत की. उन्होंने खेती-बाड़ी की मौजूदा स्थिति, बारिश के हालात, खाद और बीज की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली. किसानों ने भी खुले मन से अपनी समस्याएं और सुझाव रखे.

गांव का विकास ही राज्य का विकास

ग्रामीणों के साथ बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार गांव-गांव तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने के लिए निरंतर काम कर रही है. हमारी सरकार किसानों के हित में हर संभव कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार गांव के विकास, सड़क, सिंचाई और शिक्षा सुविधाओं के विस्तार के लिए लगातार प्रयासरत है. इस दौरान नेमरा के रविदास सोरेन, बिरजू सोरेन, दिलका सोरेन, विश्वनाथ बेसरा और परमेश्वर सोरेन मुख्यमंत्री के साथ थे.

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