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झारखंड विधानसभा के पूरक मानसून सत्र के दूसरे दिन सोमवार सुबह कार्यवाही शुरू होते ही हंगामे की भेंट चढ़ गया. कार्यवाही 11 बजकर छह मिनट पर शुरू हुई, लेकिन महज पांच मिनट के भीतर ही विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों वेल में आ गए. नारेबाजी और पोस्टरबाजी के बीच स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने कई बार आग्रह किया कि सदस्य अपनी-अपनी सीटों पर लौटें, लेकिन स्थिति काबू में न आने पर उन्होंने 12.30 बजे तक कार्यवाही स्थगित कर दी. 12:30 बजे कार्यवाही एक बार फिर शुरु होते ही हंगामा जारी रहने के बाद स्पीकर ने दोपहर 2 बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी. 

विपक्षी भाजपा समेत एनडीए के विधायक सूर्या हांसदा एनकाउंटर की सीबीआई जांच और नगड़ी रिम्स टू मामले में पुलिसिया कार्रवाई को लेकर सरकार से जवाब मांगते हुए आसन के समक्ष नारेबाजी करते नजर आये.

इस दौरान भाजपा विधायकों ने सदन में पोस्टर फाड़े और ‘फर्जी एनकाउंटर बंद करो’, ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’ जैसे नारे भी लगाए. विपक्ष ने कहा कि सरकार जनविरोधी रवैया अपना रही है और मुद्दों से भाग रही है.

वहीं दूसरी तरफ सत्ता पक्ष के विधायक भी संसद में केंद्र सरकार की ओर से पेश किये गये 130 वें संविधान संशोधन विधेयक का विरोध करते हुए वेल में उतरे और ‘संविधान की हत्या बंद करो’ के नारे लगाए.

संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर और मंत्री दीपक बिरुआ सीटों पर खड़े होकर विरोध दर्ज कराते रहे. स्पीकर बार-बार शांति की अपील करते रहे लेकिन माहौल और गरमाता चला गया. लेकिन स्थिति काबू में न आने पर उन्होंने 12.30 बजे तक कार्यवाही स्थगित कर दी.

सत्र की शुरुआत ने ही संकेत दे दिए हैं कि आने वाले दिनों में सदन गरम रहेगा। विपक्ष सूर्या हांसदा एनकाउंटर, नगड़ी की घटना, अटल क्लीनिक नाम परिवर्तन, विश्वविद्यालय संशोधन बिल और किसानों की परेशानी जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरेगा. वहीं सत्ता पक्ष एसआईआर और संविधान संशोधन जैसे मसलों पर विपक्ष को घेरने की रणनीति में है.

सत्र के दौरान 26 अगस्त को अतिवृष्टि पर विशेष चर्चा और अनुपूरक बजट पर बहस होनी है, जबकि 28 अगस्त को दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भारत रत्न देने का प्रस्ताव सदन में पेश होगा.

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