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1975 में लागू हुए आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारतीय यह कभी नहीं भूलेगा कि आपातकाल के दौरान संविधान की भावना का कैसे उल्लंघन किया गया था. पीएम मोदी ने एक्स पर आपातकाल को लेकर पोस्ट करते हुए कहा, “यह भारतीय लोकतंत्र के इतिहास के सबसे अंधकारमय अध्याय में से एक है.”

उन्होंने कहा, “आपातकाल में संविधान में निहित मूल्यों को दरकिनार कर दिया गया, मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता को दबा दिया गया और बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों के नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया.” पीएम मोदी ने कहा, “ऐसा लग रहा था जैसे उस समय सत्ता में बैठी कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया था.”

कांग्रेस का पलटवार

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि ’11 साल से देश में अघोषित आपातकाल है.’ जयराम रमेश ने कांग्रेस की ओर से एक बयान जारी किया है. इसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि पिछले 11 सालों में केंद्र सरकार ने संविधान पर हमले, मीडिया पर नियंत्रण और जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया.

जयराम रमेश ने दावा किया, “संविधान पर हमले हो रहे हैं. प्रधानमंत्री ने 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान डॉ. भीमराव आंबेडकर की विरासत को धोखा देने के इरादे से ‘चार सौ पार’’ का जनादेश भारत की जनता से मांगा था ताकि संविधान बदल सकें. लेकिन भारत की जनता ने उन्हें यह जनादेश देने से मना कर दिया.”

“सरकार ने राष्ट्रीय महत्व के गंभीर मुद्दों पर चर्चा से इनकार किया है. महत्वपूर्ण विधेयकों को बग़ैर बहस के जबरन पारित कराया गया. संसदीय समितियों की भूमिका को दरकिनार कर दिया गया है.”

बता दें कि 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक आपातकाल लागू था. तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार की सिफारिश पर देश में आपातकाल की घोषणा की थी.

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