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स्मृति शेष-दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी के पारंपरिक श्राद्ध कर्म का आज सातवां दिन है. रामगढ़ स्थित पैतृक गांव नेमरा में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अपने परिजनों संग दिवंगत आत्मा की शांति हेतु आज “सात कर्म” का पारंपरिक विधान पूरा किया. मुख्यमंत्री मर्माहत हृदय से न सिर्फ एक बेटे का कर्तव्य निभा रहे हैं, बल्कि दिवंगत “गुरुजी” के यादों को समेटे हुए अपने पैतृक गांव नेमरा से ही राजकाज की जिम्मेवारी का भी निर्वहन भी पूरी तत्परता और प्रतिबद्धता के साथ कर रहे हैं.

दशकर्म और श्राद्धकर्म की तैयारी जोरों पर

नेमरा गांव में श्राद्धकर्म को लेकर तैयारी जोरों पर है. देश भर से नेताओं और वीवीआईपी के आने को लेकर चार हेलीपैड और छह बड़े-बड़े पंडाल बनकर तैयार हैं. वहीं, बरलंगा चौक से नेमरा गांव तक जाने वाली सड़क के बीच में अस्थायी डिवाइडर बना दिया गया है.

10 स्थानों पर ट्रैफिक कंट्रोल रूम बनाये गये हैं. छह स्थानों पर वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था की गयी है. नेमरा स्थित पैतृक आवास के पीछे वीआइपी पंडाल बनाया गया है. सामुदायिक भवन को वीआइपी गेस्ट हाउस में बदल दिया गया है.

श्राद्धकर्म में आनेवाले अतिथियों के लिए तैयारी की जा रही है. देश भर से आनेवाले हजारों लोगों के लिए भोज में शामिल होने की व्यवस्था की गयी है. नेमरा गांव में श्राद्धकर्म के अंतिम दो दिन 15 व 16 अगस्त को भारी भीड़ जुटने की उम्मीद है.

स्थानीय जिला प्रशासन इस दौरान व्यवस्था बनाने की तैयारी में जुटा है. गांव में टेलीफोन टावर के कमजोर रहने को लेकर नेमरा आंगनबाड़ी केंद्र के पीछे मोबाइल कंपनियों के सिस्टम लगाये गये हैं. जिसके कारण अब नेमरा गांव में सभी मोबाइल टावर काम करेंगे. इसके अलावा रामगढ़ से गोला व बरलंगा तक सड़कों की मरम्मत की गई है. 

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