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बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर बुधवार को हुई भगदड़ में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई. इस घटना के बाद कर्नाटक में विपक्ष लगातार राज्य सरकार पर लापरवाही का आरोप लगा रहा है. वहीं इस घटना को लेकर भारतीय बल्लेबाज़ विराट कोहली ने कहा है कि वह इस हादसे से पूरी तरह टूट चुके हैं.
विराट कोहली ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म इंस्टाग्राम पर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की ओर से जारी एक बयान को शेयर करते हुए लिखा, “मेरे पास कहने के लिए शब्द नहीं हैं. पूरी तरह से टूट गया हूं.”
उनके शेयर किए गए बयान के मुताबिक आरसीबी ने कहा, “हम मीडिया रिपोर्ट्स के ज़रिए सामने आई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से बहुत दुखी हैं. सभी की सुरक्षा और भलाई हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है.” बयान के मुताबिक़, आरसीबी ने जानमाल के नुक़सान पर अफ़सोस जताया है और प्रभावित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है.
मजिस्ट्रेट जांच के आदेश
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच कराए जाने की घोषणा की है. वहीं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद बसवराज बोम्मई ने भी पत्रकारों से बात करते हुए इस हादसे की जांच कराने की मांग की है. उन्होंने कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. इस हादसे और गैरज़िम्मेदार सरकार की वजह से 11 लोगों की मौत हो गई और 60 से ज़्यादा लोग घायल हो गए.”
कर्नाटक में मौजूदा सरकार को ‘अहंकारी’ बताते हुए बोम्मई ने कहा, “इनमें कोई मानवता नहीं है. हम मांग करते हैं कि इस घटना की जांच किसी हाई कोर्ट के मौजूदा जज से कराई जाए, जिसमें इस घटना की योजना बनाने और इसकी अनुमति देने वालों से पूछताछ की जानी चाहिए. “
उधर, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बीजेपी पर इस हादसे को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, “ऐसा नहीं होना चाहिए था और हमें इतनी बड़ी भीड़ की उम्मीद नहीं थी. स्टेडियम की क्षमता 35 हज़ार है लेकिन वहां 3 लाख से ज़्यादा लोग थे.” उपमुख्यमंत्री ने कहा, “हम इस घटना के लिए माफी मांगते हैं, लेकिन फिर भी हम तथ्य जानना चाहते हैं.”
बता दें कि बुधवार को एक लाख से भी ज़्यादा फ़ैंस आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की जीत का जश्न मनाने के लिए स्टेडियम के बाहर जमा हुए थे. आरसीबी टीम का स्वागत करने और 18 साल बाद आईपीएल ट्रॉफी की जीत का जश्न मनाने के लिए युवा, महिलाएं, पुरुष यहां तक कि बुज़ुर्ग भी सड़कों के किनारे खड़े थे.