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झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सह प्रवक्ता एवं राज्य समन्वय समिति के सदस्य विनोद कुमार पांडेय ने भाजपा के आरोपों को पूरी तरह भ्रामक, तथ्यहीन और राजनीतिक कुंठा से प्रेरित बताया है. उन्होंने कहा कि राज्य समन्वय समिति झारखंड की जनता और सरकार के बीच एक सक्रिय और संवेदनशील पुल के रूप में कार्य कर रही है, और इसके सभी सदस्य लगातार राज्य सरकार को नीतिगत, सामाजिक और क्षेत्रीय मुद्दों पर सुझाव दे रहे हैं.
विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा को यह बर्दाश्त नहीं हो पा रहा कि झारखंड की एक निर्वाचित सरकार सुचारू रूप से काम कर रही है, और उसमें क्षेत्रीय दलों की भूमिका निर्णायक है. यही वजह है कि वे हर संस्था को बदनाम करने में लगे हैं. भाजपा के नेता राज्य समन्वय समिति की केवल बैठक की तारीखें गिनाने में लगे हैं, जबकि समिति की बैठकें केवल औपचारिकता नहीं होतीं, बल्कि उसके सदस्य अपने-अपने क्षेत्र और जनसमूहों के मुद्दों पर सभी विभागों से संवाद और समन्वय कर सीधे मुख्यमंत्री को सुझाव देते हैं. यह एक नियमित प्रक्रिया है.
जेएमएम नेता ने तंज करते हुए कहा, “भाजपा का यह स्वाभाविक चरित्र बन चुका है – जिस व्यवस्था में उनकी भागीदारी नहीं हो, उसे वे ‘राजनीतिक उपहार योजना’ कहने लगते हैं. उन्हें हर बात में ‘मलाई’ नजर आती है, क्योंकि वे खुद सत्ता में सिर्फ मलाई के लिए आते थे.” उन्होंने दो टूक कहा, “यह समिति ना केवल सक्रिय है, बल्कि सरकार की नीतियों को जनभावनाओं के अनुरूप ढालने में इसकी बड़ी भूमिका है. भाजपा को कोई आपत्ति है, तो लोकतांत्रिक मर्यादाओं में रहकर संवाद करे.”
बीजेपी के ये थे आरोप
इससे पहले भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने राज्य सरकार पर पड़ा हमला करते हुए झारखंड राज्य समन्वय समिति को पूरी तरह से औचित्यहीन और निष्क्रिय बताया था. प्रतुल शाहदेव ने कहा था कि इस समिति का गठन विकास कार्यों में समन्वय के नाम पर किया गया था, लेकिन वास्तविकता यह है कि यह महज सत्ताधारी दलों के नेताओं को राज्य मंत्री का दर्जा देकर उपकृत करने का एक राजनीतिक उपहार योजना बनकर रह गई.
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि 2022 के अंत में इस समिति का गठन बड़े उद्देश्य और दावों के साथ किया गया था। लेकिन आज ढाई वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बावजूद समिति की केवल एक औपचारिक बैठक – वह भी 10 जून, 2023 में आयोजित हुई है. वर्ष 2024 और अब 2025 में कोई भी बैठक नहीं हुई है. 9 अक्टूबर,2024 को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश को भी इस समन्वय समिति का सदस्य बना कर राज्य मंत्री का दर्जा दे दिया गया.