शहर से गांव डगर तक की कहानी

जीटी रोड लाइव खबरी 

झारखंड के पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री व भाजपा नेता नीलकंठ सिंह मुंडा ने झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (JTET) नियमावली 2025 में खूंटी जिले की मुंडारी भाषा को जनजातीय व क्षेत्रीय भाषाओं की सूची से हटाए जाने के निर्णय पर गंभीर आपत्ति जताई है। इस संबंध में उन्होंने राज्यपाल संतोष गंगवार से राजभवन में मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा. 

महापुरुषों का अपमान

पूर्व मंत्री ने मुंडारी भाषा को सूची में पुनः शामिल करने की मांग करते हुए अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि यह निर्णय सिर्फ भाषा नहीं, बल्कि पूरे मुंडा समुदाय के सम्मान, पहचान और अधिकारों पर आघात है.

यह निर्णय न केवल भगवान बिरसा मुंडा, गया मुंडा और संविधान सभा सदस्य जयपाल सिंह मुंडा जैसे महापुरुषों का अपमान है, बल्कि संपूर्ण मुंडा समाज की गरिमा को भी ठेस पहुंचाने वाला है।

नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि यदि सरकार ने त्वरित कार्रवाई कर मुंडारी भाषा को सूची में शामिल नहीं किया, तो खूंटी का मुंडा समाज इसे लेकर एक बड़ा जन आंदोलन खड़ा करेगा क्योंकि यह केवल भाषा नहीं, सांस्कृतिक अस्तित्व की भी लड़ाई है.

बता दें कि JTET 2025 नियमावली में भाषा की सूची में खूंटी जिले के लिए कुडूख और खड़िया (जनजातीय भाषाएं) तथा नागपुरी, पंचपरगनिया और कुरमाली (क्षेत्रीय भाषाएं) को शामिल किया गया है, लेकिन मुंडारी को छोड़ दिया गया, जबकि मुंडारी यहां के मूल और बहुसंख्यक निवासियों की भाषा है. इसे लेकर स्थानीय लोगों और मुंडा समाज में काफी रोष है.

रातू रोड फ्लाईओवर का नामकरण

नीलकंठ सिंह मुंडा ने राजधानी रांची में NHAI द्वारा नवनिर्मित रातू रोड एलिवेटेड फ्लाईओवर का नामकरण मदरा मुंडा के नाम पर करने की मांग की.

उन्होंने कहा कि मदरा मुंडा छोटानागपुर क्षेत्र के मुंडाओं के राजा थे और उनके सम्मान में फ्लाईओवर का नामकरण करना वीर बिरसा मुंडा समेत पूरे आदिवासी समाज को सम्मान देना होगा.

बता दें कि इस फ्लाईओवर का लोकार्पण आगामी 3 जुलाई को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के हाथों होगा.

हालांकि पहले इसे 19 जून को ही आम लोगों को समर्पित किया जाना था, लेकिन केंद्रीय मंत्री की व्यस्तता के कारण यह टल गया है, वहीं नामकरण को लेकर भी सियासत होने लगी है. 

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version