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बिहार के दरभंगा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ख़िलाफ़ दो एफ़आईआर दर्ज किया गया है. यह एफआईआर दरभंगा के लहेरियासराय थाना में दर्ज की गई हैं और इसमें राहुल गांधी समेत 20 नामजद नेताओं और करीब 100 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है. इनमें से एक अंबेडकर छात्रावास में जबरन कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर है. दोनों में राहुल गांधी को नामजद किया गया है. इसकी पुष्टि दरभंगा सदर के एसडीपीओ अमित कुमार और एसडीएम विकास कुमार ने भी की है.

बीएनएस की धाराओं में हुई प्राथमिकी

पहली एफआईआर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 163 (पूर्व में धारा 144) के उल्लंघन को लेकर दर्ज की गई है. मौके पर मौजूद मजिस्ट्रेट खुर्शीद आलम ने यह प्राथमिकी दर्ज कराई. आरोप है कि राहुल गांधी और उनके समर्थकों ने निषेधाज्ञा के बावजूद सभा की और कानून व्यवस्था को नजरअंदाज किया. वहीं दूसरी एफआईआर अंबेडकर कल्याण छात्रावास में बिना अनुमति कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर दर्ज की गई है. इसे ज़िला कल्याण पदाधिकारी आलोक कुमार ने दर्ज कराया. आरोप है कि छात्रावास परिसर में जबरन प्रवेश कर वहां राजनीतिक कार्यक्रम किया गया. 

क्या कहना है दरभंगा के डीएम का

इस संबंध में दरभंगा के डीएम राजीव रौशन ने कहा, “किसी भी शैक्षणिक संस्थान में ये नीतिगत फै़सला है कि पॉलिटिकल कार्यक्रम नहीं हो सकता. इसलिए हमने उन्हें टाउन हॉल में परमिशन दी थी. लेकिन वो जबरन छात्रावास में घुसे. उन्होंने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 का उल्लंघन किया है जिसके बाद उन पर एफ़आईआर दर्ज हुई है.”

शिक्षा न्याय संवाद कार्यक्रम में होना था शामिल

राहुल गांधी 15 मई को कांग्रेस के पूर्व निर्धारित शिक्षा न्याय संवाद कार्यक्रम के लिए दरभंगा आए थे लेकिन स्थानीय प्रशासन ने उन्हें इस कार्यक्रम को करने की अनुमति नहीं दी थी. राहुल गांधी दरभंगा के आंबेडकर छात्रावास में संवाद करना चाहते थे. लेकिन प्रशासन ने उन्हें आंबेडकर छात्रावास की जगह टाउन हॉल में छात्रों से संवाद करने की अनुमति दी थी. हालांकि बिना अनुमति के राहुल गांधी छात्रावास में गए और छात्रों को संबोधित किया.

ये सब मेरे लिए मेडल हैं: राहुल गांधी

बिहार कांग्रेस ने 15 मई को राज्य के अलग-अलग जगहों पर शिक्षा न्याय संवाद किया. इसके तहत कांग्रेस नेताओं ने राज्य के एससी, एसटी, ओबीसी छात्रावासों में छात्रों से बातचीत की. राहुल गांधी दरभंगा में दलित छात्रों को संबोधित करने के बाद पटना आए, जहां उन्होंने सामाजिक संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ फ़िल्म ‘फुले’ देखी और सामाजिक न्याय इंनफ्लुएंसर्स के साथ बातचीत भी की.  

पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए राहुल गांधी ने कहा, “मेरे खिलाफ 30-32 केस हैं, ये सब मेरे लिए मेडल हैं. मैंने (दरभंगा के छात्रावास में) जातीय जनगणना की बात की थी और यह भी कहा कि जो कानून निजी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में आरक्षण को लेकर है, उसे लागू किया जाना चाहिए. साथ ही, 50% आरक्षण की सीमा को हटाया जाना चाहिए. ये हमारी मांगें हैं और हम इन्हें पूरा करके रहेंगे.”

बिहार में कांग्रेस की रणनीति तेज

राहुल गांधी का यह दौरा पिछले पांच महीनों में बिहार का चौथा दौरा था. अक्टूबर-नवंबर में संभावित विधानसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस और राजद की साझा रणनीति आक्रामक होती जा रही है. केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय जनगणना के साथ-साथ जातीय जनगणना कराने की हालिया घोषणा के बाद कांग्रेस इस मुद्दे को ज़मीन पर उतारने की तैयारी में दिख रही है. राहुल गांधी का यह दौरा महज एक मुलाकात या संवाद भर नहीं था, बल्कि इसके राजनीतिक मायने भी हैं.

उन्होंने ‘शिक्षा न्याय संवाद’ के मंच से तीन प्रमुख मांगें उठाईं. जातीय जनगणना की पूर्णता और पारदर्शिता, निजी संस्थानों में OBC, EBC, SC और ST के लिए आरक्षण की अनिवार्यता और SC-ST सब प्लान फंड का पारदर्शी और पूर्ण उपयोग. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार सरकार ने SC-ST सब प्लान के तहत मिलने वाले फंड को इन समुदायों तक नहीं पहुंचाया है. उन्होंने कहा कि यह न केवल संविधान का उल्लंघन है, बल्कि सामाजिक न्याय की भावना के भी खिलाफ है.

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