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प्रसिद्ध धावक फौजा सिंह का 114 साल की उम्र में निधन हो गया है. उनके बेटे हरविंदर सिंह ने इसकी पुष्टि की है. 1911 में जन्मे फौजा सिंह ने दो विश्व युद्ध देखे और भारत-पाकिस्तान विभाजन का दर्द भी झेला.
परिवार के अनुसार, फौजा सिंह दोपहर करीब तीन बजे घर से निकलकर जालंधर-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग के दूसरी ओर एक ढाबे की ओर जा रहे थे, तभी जालंधर से पठानकोट जा रहे एक वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी. उन्होंने बताया, “फौजा सिंह को अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन कुछ समय बाद ही उनकी मौत हो गई.”
फौजा सिंह ने 2004 में विश्व का ध्यान अपनी ओर उस समय आकर्षित किया जब वे फुटबॉल आइकन डेविड बेकहम और मुक्केबाज मुहम्मद अली के साथ एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी के विज्ञापन में दिखाई दिए. फौजा सिंह ने वर्ष 2000 में ‘लंदन मैराथन’ में दौड़ लगाई. 89 वर्ष की आयु से एक महीने पहले फौजा सिंह ने यह दौड़ 6 घंटे और 54 मिनट में पूरी की थी. उन्होंने 100 वर्ष की आयु तक मैराथन दौड़ना जारी रखा और कई विश्व रिकॉर्ड बनाए.
फौजा सिंह के निधन पर पीएम मोदी ने कहा
मशहूर धावक फौजा सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वो असाधारण व्यक्ति थे. पीएम नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “फौजा सिंह असाधारण व्यक्ति थे, जिन्होंने अपने विशिष्ट व्यक्तित्व से और फिटनेस जैसे अहम विषय पर भारत के युवाओं को प्रेरित किया. उनकी मृत्यु से बहुत दुख हुआ. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और दुनिया भर में उनके अनगिनत प्रशंसकों के साथ हैं.’’