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बिहार में मतदाताओं की पहचान के लिए चलाए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान का पहला चरण पूरा होने के बाद आज यानी शुक्रवार को मतदाता सूची का ड्राफ़्ट रोल जारी किया जाएगा. इसके जारी होने के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट यानी बीएलए इस ड्राफ़्ट के आधार पर एक अगस्त से एक सितंबर के बीच किसी का नाम हटवाने या जुड़वाने के लिए अपने स्तर पर सत्यापन करके मतदाताओं के नाम की सिफ़ारिश कर सकते हैं.
लेकिन ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब ये ड्राफ़्ट रोल गुरुवार सुबह से ही चुनाव आयोग की वेबसाइट पर नज़र आने लगे. कई लोगों ने इसे डाउनलोड भी किया, लेकिन बाद में वो दिखना बंद हो गया. इस संबंध में एक फ़ेसबुक यूज़र सरफ़राज़ अहमद ने दावा करते हुए लिखा है, “इस बारे में कोई ख़बर नहीं थी. हमें लगा कि शायद किसी ने इसे लीक कर दिया है या फिर किसी ने एआई की मदद से नकली सूची बना दी है.”
उन्होंने लिखा, “हमारे दोस्त आमिर अब्बास, जो एक स्वतंत्र पत्रकार हैं, पटना स्थित चुनाव आयोग के दफ़्तर गए. वहाँ अधिकारियों ने उन्हें ध्यान से सुना. आयोग ने कहा कि उन्हें यह जानकर हैरानी हुई कि सूची पहले ही जारी हो चुकी है. उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ गड़बड़ ज़रूर हुई है. उन्होंने (चुनाव आयोग) माना कि वे 1 अगस्त 2025 को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की तैयारी कर रहे थे, जहाँ वे आधिकारिक तौर पर सूची जारी करने वाले थे.” सरफ़राज़ अहमद के मुताबिक़, कुछ ही मिनटों बाद उस लिस्ट का लिंक ब्लॉक कर दिया गया. चुनाव आयोग ने अभी तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है.