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*…आगे मैं इंजीनियरिंग करना चाहती हूं…. इसके बाद यूपीएससी की तैयारी कर आइएएस बनना चाहती हूं। आत्मविश्वास से भरे इस जवाब के बाद सबके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ जाती है…वो इसलिए कि ये जवाब एक सीनियर आईएएस के सवाल के बाद आया था कि …आगे क्या करना चाहती हो बेटी…?*

सवाल रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री का था और जवाब… रांची की बेटी तहरीन फातिमा का, जिसने जैक द्वारा आयोजित वार्षिक मैट्रिक परीक्षा में रांची जिला में पहला स्थान प्राप्त किया है. इस शानदार उपलब्धि पर जिला प्रशासन द्वारा तहरीन और उसके माता-पिता को गुरुवार को सम्मानित किया गया. उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री ने तहरीन को मोमेंटो एवं उसके माता पिता को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया.

हम सभी के लिए गर्व की बात

एक सामान्य परिवार से आते हुए तहरीन फातिमा की उपलब्धि को उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री ने सभी के लिए गर्व की बात कही. तहरीन की उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्होंने माता-पिता को भी बधाई दी. उन्होंने कहा कि संघर्ष के साथ अपनी बेटी को पढ़ाना और आगे बढ़ाना ही वास्तव के ’‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’’ है. इस दौरान तहरीन के स्कूल की वाइस प्रिसिंपल सिस्टर विक्टोरिया, शिक्षिका सिस्टर सुनीता लकड़ा एवं शिक्षक एंथोनी तिग्गा भी उपस्थित थे. उपायुक्त ने सभी के प्रयासों की सराहना की.

जब नम हो गयीं माता-पिता की आंखें

तहरीन फातिमा ने मैट्रिक में 97.4 प्रतिशत के साथ जिला में पहला और राज्य में पांचवां स्थान हासिल किया है. तहरीन की सफलता में पिता अब्दुल रहमान का संघर्ष काफी बड़ा है, जो ठेले पर कपड़ा बेचने का काम करते हैं. बेटी को जब उपायुक्त सम्मानित कर रहे थे तक माता-पिता की आंखें नम हो गयीं.

उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री ने कहा कि अपनी बेटी के हौसले को उड़ान दें, उसे आगे पढ़ायें. उपायुक्त द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी श्री विनय कुमार एवं जिला शिक्षा अधीक्षक को तहरीन के उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये. उन्होंने कहा कि बेटियों को शिक्षित कर सशक्त एवं स्वावलंबी बनाने की मुख्यमंत्री के दूरदर्शी सोच को साकार करने के लिए राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ बेटियों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें.

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