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झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफ़ान अंसारी ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के झारखंड को नशा मुक्त बनाने का संकल्प को हर हाल में पूरा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है. इसके लिए पूरे झारखंड में 26 जून यानी एक पखवाड़े तक नशा मुक्ति अभियान चलाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि सभी जिलों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से जागरूकता प्रचार वाहनों को भी भेजा जा रहा है, जो सभी जिलों में जाकर लोगों को नशा के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक करेगा.
डॉ इरफान अंसारी ने प्रोजेक्ट भवन में नशा मुक्ति अभियान के तहत आयोजित कार्यशाला में गृह विभाग और सूचना जनसंपर्क विभाग के सहयोग से तैयार मादक पदार्थों के दुरुपयोग से संबंधित पुस्तिका का विमोचन करते हुए यह बातें कही. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं और लोगों को नशे की लत से बाहर निकालना है. सभी जिलों में प्रचार वाहन जाएंगे और स्कूलों व कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम चलाएंगे.
रांची व खूंटी में अफ़ीम की खेती पर रोकथाम हेतु हुई कार्रवाई की चर्चा करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि निषिद्ध मादक पदार्थों के दुरुपयोग पर रोक लगाना बहुत जरूरी है. अफीम की खेती का बड़े पैमाने पर विनष्टीकरण किया गया है, यह सरकार की उपलब्धि है. डॉ इरफ़ान अंसारी ने कहा कि झारखंड को जल्द ही रिम्स 2 की सौगात के अलावा 6 नये मेडिकल कॉलेज और 2 टेस्टिंग लैब भी खुलेंगे.
स्वास्थ्य मंत्री ने बढ़ते नशे की प्रवृत्ति पर कहा कि नशा सामाजिक, मानसिक और आर्थिक रूप से लोगों को बर्बाद कर रहा है. सबसे ज़्यादा युवा नशे की चपेट में है. झारखंड के लोगों को नशे की चपेट से बाहर निकालना है. इसके लिए लोगों को नशे के दुष्परिणाम के बारे में जागरूक करने की जरूरत है. नशा सभी बीमारियों की जड़ है, नशे के चक्कर में पड़ कर युवा कम उम्र में ही इसकी गिरफ्त में पड़ कर अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं.