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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी द्वारा हूल दिवस के दिन भोगनाडीह की घटनाओं को लेकर राज्य सरकार पर लगाए गए आरोपों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. झामुमो के महासचिव सह प्रवक्ता विनोद कुमार पांडेय ने इसे बेबुनियाद बताते हुए कहा, “राज्य की कानून व्यवस्था सर्वोपरि है। किसी को भी इसे हाथ में लेने की इजाज़त नहीं दी जा सकती.”

उन्होंने कहा कि हूल दिवस के अवसर पर भोगनाडीह में श्रद्धा और सम्मान के साथ कार्यक्रम आयोजित किया गया था, लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा सुनियोजित ढंग से स्थिति को बिगाड़ने की कोशिश की गई. ऐसे हालात में प्रशासन ने संयम और संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई की, ताकि माहौल और बिगड़ने से रोका जा सके. झामुमो की अगुवाई वाली सरकार में विभाजनकारी ताकतों को कभी भी सिर उठाने नहीं दिया जाएगा.

झूठे आरोपों के ज़रिए भड़काने की कोशिश

झामुमो प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा जानबूझकर भ्रामक प्रचार कर रही है और झूठे आरोपों के ज़रिए लोगों को भड़काने की कोशिश कर रही है. “राज्य में कानून का शासन है। भाजपा को चाहिए कि वह गैर-जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका छोड़कर रचनात्मक सुझावों और जनहित के मुद्दों पर बात करे. भाजपा का यह आरोप कि सरकार आदिवासियों की भावनाओं को कुचल रही है, पूरी तरह तथ्यहीन और दुर्भावनापूर्ण है.

“क्या कहा था बाबूलाल मरांडी ने 

इससे पहले झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने भोगनाडीह में हूल दिवस के दिन आदिवासी समाज के ऊपर हुए लाठीचार्ज की घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस घटना ने अंग्रेज़ी हुकूमत के दौर की यादें ताज़ा कर दी.

हूल क्रांति की भूमि पर, छह पीढ़ियों के बाद एक बार फिर सिद्धो-कान्हू के वंशजों को अत्याचार और अन्याय के विरुद्ध सड़क पर उतरना पड़ा है. राज्य सरकार नहीं चाहती कि झारखंड का आदिवासी समाज अपने पुरखों की वीरगाथाओं और बलिदानों से प्रेरित होकर अपनी अस्मिता और अधिकारों की रक्षा के लिए संगठित हो.

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