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बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIR को लेकर मंगलवार को विपक्षी दलों ने बिहार विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. काले कपड़ों में विधानसभा पहुंचे विपक्षी विधायकों का आरोप है कि एसआईआर के बहाने बीजेपी ग़रीब और अल्पसंख्यक लोगों को वोटर लिस्ट से हटाना चाहती है.
आरजेडी नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि अगर चुनाव आयोग को मतदाता सूची में सुधार करना ही था, तो पहले क्यों नहीं किया. उन्होंने कहा, “बिहार के सरकारी आंकड़ों के हिसाब से तीन करोड़ लोग बिहार से बाहर मजदूरी करने जाते हैं. चुनाव के वक्त अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने आते हैं. जो गरीब मज़दूरी करने के लिए गया है, उसके लिए चुनाव आयोग ने क्या व्यवस्था की?” आरजेडी नेता ने कहा, “पुनरीक्षण बहाना है, इसका मक़सद ग़रीब और अल्पसंख्यक को मतदाता सूची से हटाना है.”
वहीं बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, “सदन में एसआईआर के बारे में विरोधी दल के लोगों ने काला कपड़ा पहन कर विरोध जताया. मैं केवल इतना बताना चाहता हूं कि निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट कहा है कि किसी भी पिछड़े, दलित या कोई सामान्य जो भारत का नागरिक है उसका नाम नहीं कटेगा.”
“लगभग 98% लोगों ने अपना फॉर्म जमा कर दिया. 19 लाख लोग ऐसे पाए गए जिसकी मृत्यु हो चुकी है. लगभग 20 लाख लोग ऐसे पाए गए जो बिहार से बाहर गए हुए हैं. लगभग 8 लाख लोग ऐसे हैं जिनका 2 जगहों पर वोटर लिस्ट में नाम है.”
SIR को लेकर चुनाव आयोग का बयान
बिहार में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीज़न (एसआईआर) अभियान को लेकर भारतीय चुनाव आयोग ने अपना लिखित बयान जारी किया है. चुनाव आयोग ने अपने बयान में बताया है कि इस अभियान के तहत मतदाता सूची में 18 लाख ऐसे लोग पाए गए जिनकी मौत हो चुकी है.
चुनाव आयोग के मुताबिक 26 लाख मतदाता ऐसे थे, जो कि अपना निर्वाचन क्षेत्र बदल चुके थे. जबकि सात लाख मतदाता ऐसे पाए गए जो कि दो जगहों पर नामांकित थे. 22 जुलाई तक आयोग ने 90.67 फ़ीसदी मतदाताओं का गणना प्रपत्र एकत्र कर लिया है. अब तक आयोग 97.30 फ़ीसदी मतदाताओं से संपर्क भी कर चुका है.
इसमें 2.36 फ़ीसदी मतदाता मृत पाए गए, 3.29 फ़ीसदी स्थायी रूप से बिहार से बाहर चले गए और 0.95 फ़ीसदी ऐसे हैं जिनके नाम एक से ज़्यादा जगह दर्ज हैं. वहीं 0.01 फ़ीसदी मतदाता ऐसे हैं जिनकी कोई जानकारी सामने नहीं आई है. यानी कुल 2.70 फ़ीसदी मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटेंगे, जो 21 लाख, 35 हज़ार 228 हैं.
जनवरी 2025 में आयोग ने बिहार में वोटरों की संख्या करीब 7 करोड़ 90 लाख बताई है. चुनाव आयोग गणना प्रपत्र 25 जुलाई तक लेगा.