शहर से गांव डगर तक की कहानी

 

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 केंद्र सरकार देश भर के 244 जिलों में एक राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल का आयोजन 7 मई को कर रही है. भारत और पाकिस्तान के बढ़ते तनाव के बीच 1971 के पहली बार मॉक ड्रिल किया जा रहा है. इस मॉक ड्रिल में लोगों को युद्ध की स्थिति में सुरक्षित स्थानों पर जाने के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा.7 मई को मॉक ड्रिल बिहार और  झारखंड के 11 स्थानों पर किया जाएगा. इसमें से पांच स्थान बिहार और छह झारखंड के है बिहार में राजधानी पटना, कटिहार, पूर्णिया, बेगूसराय और बरौनी में मॉक ड्रिल होगा और झारखंड में राजधानी रांची के अलावा बोकोरो, पूर्वी सिंहभूम, गोड्डा, साहिबगंज और गोमिया में मॉक ड्रिल किया जाएगा.

 

 

 

 

सुरक्षा पहलुओं पर प्रशिक्षण

मॉक ड्रिल के दौरान हवाई हमले के सायरन को संचालित करके, नागरिकों को प्रशिक्षण देकर, ब्लैकआउट प्रोटोकॉल लागू करके, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की घोराबंदी करके और लोगों को निकालने की योजनाओं का रिहर्सल करने को कहा गया है. ताकि खतरे को कम किया जा सके और समय पर जवाबी कार्रवाई की जा सके।इस मॉक ड्रिल के दौरान ब्लैकआउट रहेगा. इसका मतलब है कि हमले के समय सभी घरों, दफ्तरों और सार्वजनिक स्थानों की लाइटें बंद कर दी जाएंगी. इसके साथ ही तेज आवाज में सायरन भी बजाए जाएंगे। सायरन सुनते ही लोगों को सतर्क होकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचना होगा। हमले के दौरान नागरिकों को बचने की दी ट्रेनिंग जाएगी।मॉक ड्रिल के दौरान किए जाने वाले उपायों में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का संचालन और नागरिकों को किसी भी हमले की स्थिति में खुद को बचाने के लिए सुरक्षा पहलुओं पर प्रशिक्षण देना शामिल है.

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