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पहलगाम आतंकी घटना के बाद ऑपरेशन सिंदूर लगभग 27 निर्दोष लोगों की हत्या का बदला लेने और आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए किया गया .ऑपरेशन सिंदूर के बाद से से नेताओं और अभिनेताओं की प्रतिक्रियाएं आने लगीं. लेकिन सब की निगाहें सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की ओर थीं की महानायक की प्रतिक्रिया कब आयेगी .आखिरकार बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन की प्रतिक्रिया आ ही गई . महानायक ने अपने एक्स में ऑपरेशन सिंदूर पर अपनी प्रतिक्रिया दी.उन्होंने भारतीय हमले का जिक्र करते हुए अपने पिता हरिवंश राय बच्चन की एक कविता शेयर करते हुए भारतीय सशस्त्र बलों की सराहना की है. उन्होंने अपने x हैंडल पर पोस्ट में पहले 22 अप्रैल की पहलगाम आतंकी हमले के बारे में चर्चा की है. जिस हमले में 27 लोग मरे गए थे.और वे सभी कश्मीर छुट्टियाँ मनाने के लिए गए थे .
महानायक ने लिखने से पहले उस महिला की संवेदना को समझते हुए ,महसूस करते हुए जिस महिला ने अपने पति को अपनी आँखों के सामने आतंकवादियो के द्वारा मारते हुए देखा . इस दर्द को महसूस करने के बाद उन्होंने अपनी पिता की यह कविता लिखी ….’छुट्टियां मानते हुए, उस राक्षस ने, निर्दोष पति पत्नी को बाहर खींच कर, पति को नग्न कर, उसके धर्म की पूर्ति करने के बाद , उसे जब गोली मारने लगा, तो पत्नी ने, घुटने पे गिर कर, रो रो अनुरोध करने के बाद भी, की उसके पति को न मारो ; उसके पति को उस बुज़दिल राक्षस ने, बेहद बेरहमी से , गोली मार कर, पत्नी को विधवा बना दिया.जब पत्नी ने कहा “मुझे भी मार दो”, तो राक्षस ने कहा “नहीं. तू जाके, ” …” को बता”.’पोस्ट में उन्होंने अपने पिता की पंक्ति जोड़ते हुए ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जिक्र कर लिखा है, ‘बेटी की, मनःस्थिति पर, पूज्य बाबूजी की एक कविता की पंक्ति याद आयी. मानो, वो बेटी “….” के पास गई, और कहा, “है चिता की राख कर में, मांगती सिंदूर दुनिया”.. (बाबूजी की पंक्ति) तो “….” ने दे दिया सिंदूर. ऑपरेशन सिंदूर. जय हिन्द, जय हिन्द की सेना, तू ना थमें गा कभी, तू न मुड़ेगा कभी, तू न झुकेगा कभी, कर शपथ , कर शपथ, कर शपथ, अग्निपथ… अग्निपथ… अग्निपथ.’ अमिताभ बच्चन ने 22 अप्रैल को आखिरी पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा, साइलेंट एक्स क्रोमोसम. ब्रेन को डिकोड करता है.’