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झारखंड के गढ़वा में शहर से सटे गुरदी गांव में सदर थाना क्षेत्र में रविवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक पारिवारिक विवाद में बंधक बनाए गए लोगों को छुड़ाने गई पुलिस पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया. स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी कि मामला मॉब लिंचिंग तक पहुंचने वाला था, लेकिन पुलिस की तत्परता से बड़ी घटना टल गई. इस झड़प में पुलिस कर्मियों सहित करीब एक दर्जन लोग घायल हो गए.
गढ़वा के थाना प्रभारी बृज कुमार ने बताया कि सूचना मिलने पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची थी, लेकिन ग्रामीणों ने पुलिस दल को भी निशाना बना लिया. हमले में कई पुलिसकर्मी तथा बंधक बनाए गए पक्ष के लोग घायल हुए हैं. सभी घायलों का इलाज गढ़वा सदर अस्पताल में किया जा रहा है और फिलहाल वे खतरे से बाहर हैं.
घटना की शुरुआत उस समय हुई जब गुरदी गांव निवासी तकसीर खान और उसकी पत्नी रकीबा खातून के बीच पारिवारिक विवाद बढ़ गया. आरोप है कि शनिवार की रात तकसीर ने पत्नी से मारपीट की, जिसके बाद रविवार सुबह रकीबा के पिता जाहिद आलम खान और अन्य परिजन मामले को सुलझाने गांव पहुंचे, तभी ग्रामीणों ने उन पर हमला कर दिया. आहत पक्ष किसी तरह घर में छिप गया, लेकिन भीड़ ने उन्हें बाहर निकालकर आग के हवाले करने की कोशिश की.
इस दौरान ही मामले की सूचना मिलने के बाद जब पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो लोगों ने उसे भी निशाना बनाते हुए हमला कर दिया. स्थिति बेकाबू होते देख थाना प्रभारी बृज कुमार अतिरिक्त बल के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति पर काबू पाते हुए घायलों को मौके से सुरक्षित बाहर निकाला. इस संबंध में थाना प्रभारी ने कहा कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है. गांव में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और दोषियों की पहचान की जा रही है.