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बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने राज्य में लगातार हो रही हत्या की वारदातों को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है बिहार डरा हुआ है, अपराधी लगातार अपराध कर रहे हैं और मुख्यमंत्री बेहोशी की हालत में हैं.

उन्होंने कहा कि एडीजी ने कल कहा कि मानसून में अपराध की घटनाएं बढ़ जाती हैं. ये कितना बचकाना बयान है!…तो, आप समझ सकते हैं कि पुलिस ने हार मान ली है कि वो अपराधियों को नियंत्रित नहीं कर सकते.

उन्होंने कहा कि सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा कहते हैं, “घर में घुस के मारेंगे” और “पाताल से ढूंढेंगे”…अपराधी सड़कों पर हैं, वे उन्हें खोजने के लिए “पाताल” क्यों जा रहे हैं?.

 

बिहार में कानून व्यवस्था चिंता का विषय : चिराग पासवान

केंद्रीय मंत्री और लोजपा(रा) प्रमुख चिराग पासवान ने बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा है कि आज एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है. प्रतिदिन हत्याएं हो रही है और अपराधियों का मनोबल आसमान पर है. उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन की कार्यशैली समझ से परे है.

उन्होंने कहा कि आज पटना के रिहायशी इलाके में स्थित पारस अस्पताल के अंदर घुसकर अपराधियों द्वारा सरेआम गोलीबारी की घटना इस बात का प्रमाण है कि अपराधी अब कानून और प्रशासन को सीधी चुनौती दे रहे हैं.

बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बढ़ते अपराधिक मामले चिंताजनक है. चिराग ने कहा कि उम्मीद है कि प्रशासन जल्द ही कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए ठोस और कड़े कदम उठाएगी.

क्या है मामला

पटना स्थित पारस अस्पताल में घुसकर गुरुवार सुबह दिन दहाड़े पांच अपराधियों ने इलाजरत कैदी चंदन मिश्रा की गोली मार हत्या कर दी थी. घटना के बाद आराम से सभी आरोपी मौके से भाग निकलने में कामयाब भी रहे थे. पुलिस ने घटनास्थल से गोलियों का कुछ खोखा भी बरामद किया है.

इस मामले में पटना के एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने गैंगवार में घटना होने की बात कही. उन्होंने बताया, “पोस्टमार्टम से साफ़ होगा कि कितनी गोलियां लगी है, लेकिन कई राउंड गोलियां चली है. चंदन मिश्रा के विपक्षी गुट ने अस्पताल में घुसकर गोलीबारी की है.”

बिहार की क़ानून व्यवस्था को लेकर पहले ही विपक्ष राज्य सरकार पर हमलावर है. कुछ दिन पहले ही पटना के प्रमुख व्यवसायी गोपाल खेमका की गांधी मैदान के पास स्थित उनके घर के गेट पर ही हत्या कर दी गई थी. इसके बाद पटना पुलिस पर भी सवाल उठे थे.
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