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बीते सोमवार को गोड्डा पुलिस के साथ हुए एनकाउंटर में कुख्यात सूर्या हांसदा के मारे जाने को लेकर जेएलकेएम सुप्रीमो सह डुमरी विधायक जयराम महतो ने कहा कि जिन आदिवासियों के पूर्वजों ने झारखंड राज्य लड़ कर लिया, उन्हें आज एनकाउंटर का सामना करना पड़ रहा है. अपराधी, नक्सली और एनकाउंटर के नाम पर आदिवसियों का दोहन किया जा रहा है, जबकि मुख्यमंत्री और राष्ट्रपति भी इसी आदिवासी समाज से आते हैं. आदिवासी मूलधारा से बाहर कैसे जा रहे हैं, यह चिंता का विषय है और इस पर बुद्धिजीवियों को सोचना होगा.

एक कार्यक्रम को लेकर मंगलवार को धनबाद परिसदन पहुंचे विधायक जयराम महतो ने कहा कि बीते विधानसभा चुनाव के दौरान पूरी तैयारी के लिए उनकी पार्टी को महज 30 दिनों का समय मिला था, वे खुद भी दो सीटों से चुनाव लड़ रहे थे. ऐसे में उनके और पार्टी के पास वक्त की काफी कमी थी.

पार्टी का आधार कोयलांचल था, लेकिन अन्य जगहों को लेकर पार्टी संसदीय बोर्ड ने यह निर्णय लिया था कि वैसे प्रत्याशियों को टिकट दिया जाएगा, जो पूर्व के चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर चुके थे.

जयराम ने कहा कि संताल में 2019 के चुनाव में सूर्या हांसदा ने भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ा था. उन्हें 45 हजार से अधिक वोट मिले थे और उम्मीद थी कि इस चुनाव में 50 हजार वोट भी मिलता है तो पार्टी के लिए अच्छा होता. कम समय होने के कारण उनके बैकग्राउंड को जानने का प्रयास नहीं किया गया. बता दें कि 2024 के विधानसभा चुनाव में सूर्या हांसदा जेएलकेएम उम्मीदवार के रूप में बोरियो से चुनाव लड़ा था. 

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