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सुप्रीम कोर्ट ने पहलगाम आतंकी हमले की न्यायिक जांच की मांग वाली पीआईएल यानी जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया. जस्टिस सूर्यकांत और एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने याचिकाकर्ता फतेह कुमार साहू व अन्य को फटकार लगाते हुए कहा कि जज आतंकी मामलों की जांच के विशेषज्ञ नहीं हैं. कोर्ट ने पूछा कि क्या याचिकाकर्ता सुरक्षा बलों का मनोबल तोड़ना चाहते हैं, जिन्हें देश का हर नागरिक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में समर्थन दे रहा है.

पीठ ने याचिकाकर्ताओं से याचिका वापस लेने और ऐसी संवेदनशील अपीलों को अदालत में न लाने को भी कहा. कोर्ट ने स्पष्ट किया, “सेवानिवृत्त जज जांच में विशेषज्ञ नहीं हैं, वे केवल फैसले दे सकते हैं. हमें आदेश देने के लिए मजबूर न करें. बेहतर होगा कि आप वापस चले जाएं.” कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से इस मुद्दे की संवेदनशीलता समझने और ऐसी याचिकाओं से बचने की सलाह भी दी.

पिछले महीने की 22 तारीख को जम्मू कश्मीर के पहलगाम के बैसरन में हुए आतंकी हमले में आतंकियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के सभी नागरिकों को तत्काल देश छोड़ने समेत सिंधु नदी जल समझौता को भी निलंबित कर दिया था. वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घटना के अगले दिन घटनास्थल का दौरा कर मामले की जानकारी ली थी जबकि पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने एक बयान में कहा था कि इस घटना में शामिल आतंकियों व साजिशकर्ताओं को उम्मीद से भी बड़ी सजा मिलेगी. 

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