शहर से गांव डगर तक की कहानी

जीटी रोड लाइव ख़बरी

अक्सर टीवी की बहस में मौलाना साजिद रशीदी संघ और भाजपा की हिमायत में तर्क-वितर्क करते हुए दिख जाते हैं. दरअसल आजकल ऐसे लोगों की ज़रुरत कथित राष्ट्रीय इलेक्ट्रोनिक मीडिया में बढ़ गयी है. मौलाना रशीदी उस कमी को पूरी करते हैं.  वो ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने रांची के प्रेस क्लब में पत्रकारों से अपनी बातें साझा की. कहा कि कांग्रेस ने मुसलमानों को धोखा दिया, अब देश का हर मुस्लिम प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के साथ है. कहा कि मोदी ही मुसलमानों के सच्चे हितैषी हैं. वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को ऐतिहासिक बताते हुए कांग्रेस पार्टी और ममता बनर्जी सरकार पर तीखे प्रहार किए। कहा कि यह विधेयक मुसलमानों के अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। कांग्रेस पार्टी ने पिछले 70 वर्षों में मुसलमानों को केवल वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया। कांग्रेस ने मुसलमानों की शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार या धार्मिक संपत्तियों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई। प्रेस कांफ्रेंस में झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष मौके पर मोहम्मद कमाल खान और भाजपा प्रवक्ता राफिया नाज और युवा भाजपा नेता तारिक इमरान सहित कई लोग उपस्थित थे.

कांग्रेस ने किया कई सूबों में वक्फ संपत्तियों पर कब्जा 
मौलाना साजिद रशीदी ने दिल्ली की ढाई सौ बीघा वक्फ ज़मीन का उदाहरण देते हुए कहा कि कांग्रेस सरकारों ने उस ज़मीन पर कब्जा करके न तो उसे मुसलमानों को लौटाया और न ही उसका उपयोग शिक्षा या स्वास्थ्य सेवाओं के लिए किया। उल्टा, इस ज़मीन को अपने नजदीकी बिल्डरों और नेताओं को सौंप दिया गया। यह सिर्फ दिल्ली की बात नहीं है — उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और राजस्थान जैसे राज्यों में भी वक्फ संपत्तियों पर कब्जा और घोटाले आम रहे हैं, जो कांग्रेस की नीति और नीयत को उजागर करते हैं। उन्होंने ममता बनर्जी पर हमला करते हुए कहा कि जब उन्होंने (ममता बनर्जी) ने कह दिया कि वक्फ कानून बंगाल में लागू नहीं होगा, तो यह स्पष्ट हो गया कि मुस्लिम हित उनके लिए केवल एक वोट हथियार है। उनके बयान के बावजूद मुस्लिम सड़क पर क्यों उतरे? प्रदर्शन क्यूँ हुआ?बंगाल में मुस्लिम प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और केस दर्ज क्यू हुआ?— यह शर्मनाक है।अगर यह कानून मुस्लिमों की भलाई के लिए है, तो फिर उसका विरोध क्यों?
सच्चर कमेटी, रंगनाथ रिपोर्ट में मुसलमानों की बदतर स्थिति 
मौलाना साजिद रशीदी ने सच्चर कमेटी, रंगनाथ मिश्रा रिपोर्ट और अन्य अध्ययन रिपोर्टों का जिक्र करते हुए कहा कि इन सभी में मुसलमानों की बदतर स्थिति उजागर हुई, लेकिन कांग्रेस ने कभी उन सिफारिशों को लागू नहीं किया। वहीं, आज मोदी सरकार ने पारदर्शिता, ई-गवर्नेंस और जवाबदेही के सिद्धांतों के आधार पर वक्फ सुधार का मार्ग प्रशस्त किया है। मौलाना रशीदी ने कहा, “अब मुसलमान जाग चुका है। अब हमें अपने बच्चों को सिर्फ़ मदरसों तक सीमित नहीं रखना, बल्कि उन्हें मुख्यधारा की शिक्षा, तकनीकी कौशल और प्रशासनिक सेवाओं तक पहुंच दिलानी है। इसके लिए ज़रूरी है कि हमारी संपत्तियाँ, विशेषकर वक्फ संपत्तियाँ, सुरक्षित और उपयोगी हों।” उन्होंने आगे कहा, “हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हैं कि वे मुस्लिम समुदाय को एक ‘रिज़र्व फ़ोर्स’ के रूप में देखें — एक ऐसी ताक़त जो राष्ट्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है, जो नफरत नहीं, विकास चाहती है।” मौलाना ने मुस्लिम समाज से अपील करते हुए कहा कि उन्हें अब नेताओं की बातों पर नहीं, उनके काम पर ध्यान देना होगा। “कौन हमारे बच्चों के लिए स्कूल बनवाता है? कौन हमारी जमीन की रक्षा करता है? कौन डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हमारे रिकॉर्ड सुरक्षित करता है? यही असली सवाल हैं।”
Share.

Comments are closed.

Exit mobile version